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फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग WhatsApp, Messenger और Instagram को इंटीग्रेट करने की योजना बना रहे हैं. तीनों स्टैंडअलोन ऐप्स अलग ही रहेंगे. लेकिन इन्हें एक मैसेजिंग प्लेटफॉर्म या प्रोटोकॉल में लाया जा सकता है. इस बदलाव के बाद से आप कंपनी के एक चैट सिस्टम से दूसरे में मैसेज कर पाएंगे. यानी आप अपने मैसेंजर के दोस्तों से वॉट्सऐप को बिना छोड़े बात कर पाएंगे.
फिलहाल फेसबुक इस पर काम करने की योजना बना रहा है. लेकिन ये ऐप्स एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन वाले होंगे, ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि बातचीत में हिस्सा ले रहे लोग ही भेजे गए मैसेज को देख सकें. न्यू यॉर्क टाइम्स ने इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे चार लोगों के हवाले से बताया कि ये काम इस साल के अंत या 2020 की शुरुआत तक खत्म हो सकता है.
फेसबुक के एक प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा, 'हम चाहते हैं कि हम सबसे बेहतर मैसेजिंग एक्सपीरियंस को डेवलप करें और लोग चाहते हैं कि मैसेजिंग तेज, सरल, विश्वसनीय और निजी हो. हम अपने मैसेजिंग प्रोडक्ट्स को एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड बनाने पर काम कर रहे हैं और लोगों के लिए इसके उपयोग को आसान बनाने पर विचार कर रहे हैं.'
ये रणनीति इस बात पर भी प्रकाश डालती है कि फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग अरबों डॉलर में फेसबुक द्वारा अधिग्रहित कंपनियों पर ज्यादा नियंत्रण कैसे बढ़ा रहे हैं. फेसबुक ने 2014 में 19 बिलियन डॉलर में वॉट्सऐप और 2012 में इंस्टाग्राम को 1 बिलियन डॉलर में खरीदा था. इनमें से कुछ फाउंडर्स की कथित रूप से जकरबर्ग से कहासुनी हुई और उन्होंने कंपनी छोड़ दी. कंपनी छोड़ने वालों की लिस्ट में इंस्टाग्राम के को-फाउंडर केविन सिस्ट्रॉम और माइक क्राइगर, वॉट्सऐप के ब्रायन एक्टन और जान कौम और ओकुलस के को-फाउंडर्स पामर लक्की और ब्रेंडन इरीबे शामिल हैं.
इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे लोगों ने टाइम्स को बताया कि ऐप्स को इंटीग्रेट कर फेसबुक विझापनों से ज्यादा पैसा कमा पाएगा. क्योंकि ऐसा करने से लोग चैट ऐप्स पर ज्यादा समय बिताएंगे. ऐसे में लोग ऐपल या गूगल के चैट सर्विसेज में स्विच नहीं करेंगे.