केंद्र सरकार द्वारा मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन किए जाने के बाद से ही सोशल मीडिया पर कुछ पुरानी तस्वीरें और वीडियो गलत दावों के साथ शेयर किए जा रहे हैं. ऐसी ही एक तस्वीर इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.
तस्वीर में एक दंपति और बच्चा बाइक से सड़क पर गिरा हुआ दिख रहा है, जबकि दो पुलिस वाले उनके पास नजर आ रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि महज सौ रुपये रिश्वत न देने पर पुलिसकर्मी ने दंपति को धक्का दे दिया, जिससे मासूम समेत पति-पत्नी जमीन पर गिर गए.
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पड़ताल में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह गलत है. दंपति सड़क पर गाड़ी फिसलने के कारण गिरा था और पुलिसकर्मी उनकी मदद के लिए दौड़े थे.
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
फेसबुक यूजर "Komal joshi " ने यह तस्वीर पिछले साल पोस्ट की थी, लेकिन इसे अभी भी शेयर किया जा रहा है और लोग इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.
तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा गया है: "100 रुपय रिसवत ना देने पर पुलिस वाले ने दे दिया धक्का..छोटा मासूम भी न्ही नज़र आया..ऐसे पुलिस को क्या सज़ा होनी चाहिए ??शेयर जरूर करें." खबर लिखे जाने तक इस तस्वीर को 70000 से ज्यादा बार तक शेयर किया जा चुका था.
वायरल तस्वीर के पीछे की कहानी जानने के लिए हमने इसे रिवर्स सर्च किया तो पाया कि यह तस्वीर विजयवाड़ा में ली गई थी. इसे "द हिंदू" के फोटोग्राफर विजय भास्कर ने खींचा था.
हमने फोटोग्राफर विजय भास्कर से बात की, जिन्होंने बताया कि यह तस्वीर उन्होंने विजयवाड़ा में खींची थी. उस समय यह दंपति बच्चे के साथ बाइक से जा रहा था, जब अचानक उनकी बाइक फिसल गई और वे सड़क पर गिर गए. पास खड़े ट्रैफिक पुलिसकर्मी उनकी मदद के लिए पहुंचे और उन्हें उठाया. हालांकि भास्कर को यह याद नहीं कि यह तस्वीर उन्होंने किस साल में खींची थी. हमें यह तस्वीर "द हिंदू" के ही एक आर्टिकल में भी मिली. यह आर्टिकल अक्टूबर 2010 में प्रकाशित किया गया था.
पड़ताल में साफ हुआ कि वायरल तस्वीर एक एक्सीडेंट की है. इस दंपति के गिरने के पीछे पुलिसकर्मी का हाथ नहीं था.