कई फेसबुक यूजर्स ने दावा किया है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ईसाई धर्म छोड़कर इस्लाम अपनाने जा रहे हैं.
फेसबुक पेज “UKIP Warwick and Leamington” ने एक वेबसाइट के हवाले से ये खबर पोस्ट की जिसमें दावा किया गया कि जस्टिन ने अपने फैसले के बारे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विस्तार से जानकारी दी है.
इस पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि ये दावा झूठा है. कनाडाई प्रधानमंत्री इस्लाम स्वीकार नहीं कर रहे हैं. ये लेख तीन साल पुराना है और एक व्यंग लेख छापने वाली वेबसाइट से ली गई है.
कई और फेसबुक पेज जैसे “No sharia law - Never ever give up Australia ” और “United Muslims ” ने भी इस लेख को साझा किया है.
ये पोस्ट इसी नाम से ट्विटर पर भी देखी जा सकती है.
ज्यादातर सोशल मीडिया यूजर्स ने “वैटिकन इनक्वायर्र” के लेख का ही हवाला दिया है जो तीन साल पहले छपी थी.
लेख के मुताबिक, जस्टिन ट्रूडो ने ईसाई धर्म छोड़कर इस्लाम अपनानी कि सोची जब वो हजारी सीरियाई शरणार्थियों से मिले और उनकी दुखभरी कहानियां सुनीं..
“वैटिकन इनक्वायर्र” के लेख में जस्टिन ट्रूडो के बयान को एक और वेबसाइट “TheGlobalSun.com” के हवाले से लिखा गया है. जांच में पता चला कि ये लिंक अब मौजूद नहीं है और ये वेबसाइट “TheGlobalSun.com ” का नाम भी अब कोई भी खरीद सकता है.
इस लेख में कनाडा के प्रधानमंत्री की कुछ तस्वीरें भी लगाई गईं हैं जिसमें वो मुसलमानों के खाना खाते और पूजा पाठ करते नजर आ रहे हैं.
कनाडा के न्यूज नेटवर्क “CTV news ” ने इस बात की पुष्टि की कि दोनों तस्वीरें 2015 में रमजान के दौरान ली गईं थीं. जबकि तीसरी तस्वीर कनाडा के सरे में एक मस्जिद की है.
“वैटिकन इनक्वायर्र” ने अपने डिस्क्लेमर में साफ साफ लिखा है कि वो एक व्यंग छापने वाली वेबसाइट है और जरूरी नहीं कि उसका कटेंट हर बार सच्चा हो.
इस तरह हम साफ तौर पर कह सकते हैं कि “वैटिकन इनक्वायर्र” में छपा लेख मनगढ़त है और कनाडा के प्रधानमंत्री इस्लाम धर्म नहीं स्वीकार रहे हैं.