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फैक्ट चेक: फिर वायरल हुई शहला राशिद की पाकिस्तान के झंडे वाली फर्जी तस्वीर

दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. इसी बीच सोशल मीडिया पर जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष और एक्टिविस्ट शहला राशिद से जुड़ी एक पोस्ट खूब वायरल हो रही है. पोस्ट में दो तस्वीरें हैं.

आजतक फैक्ट चेक

दावा
जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शहला राशिद ने पाकिस्तान के झंडे वाली साड़ी पहनी.
सच्चाई
तस्वीर फोटोशॉप्ड है. असली तस्वीर में शहला हरे रंग की प्लेन साड़ी पहने दिख रही हैं.
अर्जुन डियोडिया
  • नई दिल्ली,
  • 15 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 10:14 PM IST

दिल्ली की जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. इसी बीच सोशल मीडिया पर जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष और एक्टिविस्ट शहला राशिद से जुड़ी एक पोस्ट खूब वायरल हो रही है. पोस्ट में दो तस्वीरें हैं. पहली तस्वीर में शहला सिर पर दुपट्टा ओढ़े हुए हैं, वहीं दूसरी तस्वीर में उन्हें पाकिस्तान के झंडे वाली साड़ी पहने हुए देखा जा सकता है.

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पोस्ट में बताया गया है कि शहला की पहली तस्वीर भारत की है और दूसरी तस्वीर विदेश की. इस पोस्ट को लेकर शहला की सोशल मीडिया पर जमकर आलोचना की जा रही है.

इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज़ वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि जिस तस्वीर में शहला पाकिस्तान के झंडे वाली साड़ी पहने हुए दिख रही हैं वह फोटोशॉप्ड है. असली तस्वीर में शहला हरे रंग की प्लेन साड़ी पहने हुए हैं.

इस फर्जी पोस्ट को Ajit Choudhary नाम के एक फेसबुक यूजर ने We Support Namo नाम के एक पब्लिक ग्रुप में शेयर किया है. पोस्ट में अंग्रेजी में तंज कसते हुए लिखा गया है- "ये है जेएनयू के कुछ सैंपल प्रोडक्टस"

दोनों तस्वीरों को रिवर्स सर्च करने पर पता चला कि जिस तस्वीर में शहला ने सिर पर दुपट्टा ओढ़ा हुआ है, वह असली है. इस तस्वीर को शहला के सोशल मीडिया अकाउंट से उठाया गया है.

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पड़ताल में पता चला कि जिस तस्वीर में शहला पाकिस्तान के झंडे वाली साड़ी पहने हैं, उसके साथ छेड़छाड़ की गई है. हमें असली तस्वीर इंटरनेट पर कई जगह मिली. असली तस्वीर में शहला गहरे हरे रंग की साड़ी पहने नजर आ रही हैं जिस पर पाकिस्तान का झंडा नहीं बना है.

इसी तस्वीर को कुछ न्यूज वेबसाइट्स ने भी इस्तेमाल किया है.

इसी तरह का एक भ्रामक पोस्ट कुछ दिनों पहले भी वायरल हुआ था. उस समय भी कई मीडिया संस्थानों ने इसे खारिज किया था.

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