सोशल मीडिया पर एक तस्वीर खूब वायरल हो रही है जिसमें एक महिला सहित कुछ लोगों के सिर से खून बहता हुआ नजर आ रहा है. तस्वीर के साथ दावा किया गया है कि ये कश्मीर की तस्वीर है.
पोस्ट के कैप्शन में लिखा है- 'जहां यज़ीद का लश्कर दिखाई देता है वहां पे हमको बहत्तर दिखाई देता है हमारी लाश किसी को नज़र नहीं आती हमारे हाथ का पत्थर दिखाई देता है #SaveKashmir #SaveKashmir'
इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा गलत है. तस्वीर कश्मीर की नहीं बल्कि पश्चिमी एशिया के एक देश लेबनान में मुहर्रम के जुलूस के वक्त की है.
इस पोस्ट को Kaleem Ullah Khan नाम के एक फेसबुक यूजर ने गुरुवार को शेयर किया था. खबर लिखे जाने तक पोस्ट को 1400 से भी ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है.
तस्वीर को रिवर्स सर्च करने पर हमें Jafariya news नाम की वेबसाइट का एक लेख मिला जिसमें वायरल तस्वीर मौजूद थी. यह आर्टिकल 20 फरवरी 2005 को अपडेट किया गया था. आर्टिकल के मुताबिक, वायरल तस्वीर लेबनान में आशूरा (मुहर्रम का दसवां दिन) के जुलूस के वक्त की है.
खबर में बताया गया है कि अशूरा मुस्लिमों में गम का दिन होता है. इस दिन दुनिया भर में शिया मुस्लिम अपने शरीर पर जगह-जगह चोट पंहुचा कर दुःख प्रकट करते हैं. खबर के अनुसार वायरल तस्वीर भी इसी मातम की है. इस खबर में ऐसी कई और तस्वीरें भी मौजूद हैं जिसमें लोगों के सिर से खून बह रहा है.
इस्लाम धर्म में मुहर्रम के दसवें दिन को अशूरा कहा जाता है. आज से लगभग 1400 साल पहले मुहर्रम के महीने की 10 तारीख को ही पैगम्बर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन का इराक के कर्बला में कत्ल कर दिया गया था. इसी शहादत की याद में मुहर्रम मनाया जाता है. अशूरा के दिन ही मुस्लिम लोग जुलूस निकालते हैं, तो वहीं शिया मुस्लिम अपने आपको धारदार चीजों से मारकर या छाती पीटकर मातम मनाते हैं.
वायरल पोस्ट के साथ किए जा रहे दावे को विश्वास न्यूज़ ने भी ख़ारिज किया है. विश्वास न्यूज़ ने Jafariya news के UAE चीफ कोरेस्पोंडेंट अहमद हम्मीदी से बात की और इस बात को पुख्ता किया कि तस्वीर लेबनान की है.