फलों से भरे ठेले निर्ममता से तोड़ती हुई जेसीबी मशीन का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ के उत्तर प्रदेश में किस तरह गरीबों का उत्पीड़न किया जा रहा है.
कुछ फेसबुक यूजर्स जैसे कि ‘सुल्तान मिर्जा ’, “आसिफ अंसारी ” और “प्रवीण पटोदिया” ने 1 मिनट 49 सेकंड का वीडियो शेयर किया. साथ ही कैप्शन में लिखा गया है- “भारत को गरीबी मुक्त बनाने का अभियान योगी के उत्तर प्रदेश से शुरू.”
पोस्ट का आर्काइव्ड यहां देखा जा सकता है.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि ये दावा भ्रामक है, क्योंकि अतिक्रमण विरोधी मुहिम का वीडियो ओडिशा का है. उत्तर प्रदेश का नहीं. ऐसे ही दावे के साथ कई यूजर्स ने फेसबुक पर वायरल वीडियो को शेयर किया.
AFWA जांच
वीडियो के 56वें सेकंड में एक वर्दीधारी शख्स दिखाई दे रहा है, जिसकी बाईं बाजू पर गहरे रंग का एम्ब्लम (चिह्न) देखा जा सकता है.
वायरल वीडियो में अतिक्रमण विरोधी मुहिम दिखाई दे रही थी. ऐसे मौकों पर अक्सर पुलिस भी साथ मौजूद रहती है. हमने इंटरनेट पर समान एम्ब्लम को ढूंढना शुरू किया. विभिन्न राज्यों के एम्ब्लम सर्च करने के बाद हमने पाया कि वीडियो में दिख रहा एम्ब्लम ओडिशा पुलिस के एम्ब्लम से मिलता है. ().
ये सुराग मिलने के बाद कि वीडियो ओडिशा का हो सकता है, हमने इंटरनेट पर “eviction, fruit vendors, Odisha” जैसे कीवर्ड्स के साथ सर्च किया, तो हमें ओडिशा टीवी के यूट्यूब से ऐसी ही घटना का समान वीडियो मिल गया.
इस वीडियो को ओडिशा टीवी ने 24 जनवरी, 2010 को अपलोड किया था. वीडियो तीन मिनट से अधिक का है. वीडियो के कैप्शन में पढ़ा जा सकता है- “भुवनेश्वर के यूनिट 1 मार्केट के पास बीएमसी के अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान फलों के ठेले नष्ट किए गए.”
इस वीडियो को अलग एंगल से शूट किया गया था. लेकिन हम इस वीडियो में भी उन्हीं लोगों को देख सकते हैं जो वायरल वीडियो में देखे जा रहे थे.
सफेद टोपी और नीली जींस वाला शख्स
दोनों वीडियो में सफेद टोपी और नीली जींस वाले एक शख्स को देखा जा सकता है जो लोगों को निर्देश दे रहा है.
हॉफ स्वेटर और पूरी बाजू की कमीज वाला शख्स
दोनों वीडियो में हॉफ स्वेटर और पूरी बाजू वाली कमीज में भी एक शख्स को देखा जा सकता है.
साफ है कि वायरल वीडियो उत्तर प्रदेश के अतिक्रमण विरोधी अभियान का नहीं बल्कि ओडिशा के भुवनेश्वर का है.