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बायोमेट्रिक मानकों को बाइपास कर बनाते थे फर्जी आधार कार्ड, 10 लोग गिरफ्तार

यूपी के कानपुर में फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. यूपी एसटीएफ ने इस गिरोह के सरगना सौरभ सिंह सहित 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. यह गिरोह यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित बॉयोमेट्रिक मानकों को बाइपास करके फर्जी आधार कार्ड बनाने के काम को अंजाम दे रहा था. इनके पास से 18 फर्जी आधार कार्ड के साथ ही इसे बनाने के सभी उपकरण बरामद कर लिए गए हैं.

यूपी के कानपुर से गिरोह का सरगना गिरफ्तार यूपी के कानपुर से गिरोह का सरगना गिरफ्तार
मुकेश कुमार
  • लखनऊ,
  • 11 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 1:12 PM IST

यूपी के कानपुर में फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. यूपी एसटीएफ ने इस गिरोह के सरगना सौरभ सिंह सहित 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. यह गिरोह यूआईडीएआई द्वारा निर्धारित बॉयोमेट्रिक मानकों को बाइपास करके फर्जी आधार कार्ड बनाने के काम को अंजाम दे रहा था. इनके पास से 18 फर्जी आधार कार्ड के साथ ही इसे बनाने के सभी उपकरण बरामद कर लिए गए हैं.

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आईजी एसटीएफ अमिताभ यश ने बताया कि कुछ दिनों से फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचना मिल रही थी. इसके बाद यूआईडीएआई के डिप्टी डायरेक्टर द्वारा लखनऊ के साइबर क्राइम थाने में इस संबंध में केस दर्ज कराया गया. इससे संबंधित कई केस लखनऊ, देवरिया और कुशीनगर में भी दर्ज कराए गए. इस तरह केस दर्ज होने के बाद एसटीएफ की एक टीम ने इस मामले की जांच शुरू कर दी.

कानपुर का है मास्टरमाइंड सौरभ

पुलिस को पता चला कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड सौरभ सिंह कानपुर का रहने वाला है. इसके बाद पुलिस ने कानपुर के बर्रा में दबिश देकर सौरभ सिंह सहित 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों ने बताया कि वे आधार कार्ड बनाने के लिए निधार्रित मानकों को बाईपास करते हुए बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से अधिकृत आपरेटर्स के फिंगर प्रिन्ट ले लेते हैं. इसके बाद उसका बटर पेपर पर लेजर प्रिंटर से प्रिंट आउट निकालते हैं.

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इस तरह से करते थे फर्जीवाड़ा

इसके बाद फोटो पॉलीमर रेजिन केमिकल डालकर पॉलीमर क्यूरिंग उपकरण में पहले 10 डिग्री फिर 40 डिग्री तापमान पर कृत्रिम फिंगर प्रिन्ट, मूल फिंगर प्रिन्ट के समान तैयार कर लेते हैं. उसी कृत्रिम फिंगर प्रिन्ट का प्रयोग करके आधार कार्ड की वेबसाइट पर लॉगिन करते हैं. फिर आधार कार्ड के इनरोलमेंट की प्रकिया पूरी कर लेते है. तैयार किया गया कृत्रिम फिंगर प्रिन्ट ऑपरेटर के मूल फिंगर प्रिन्ट की तरह ही काम करता है.

पूछताछ में हुआ अहम खुलासा

इस तरह हैकर्स अनधिकृत आपरेटर्स से 5-5 हजार रुपये लेते थे. पूछताछ और जांच में यह तथ्य सामने आया है कि UIDAI द्वारा निर्धारित इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी पॉलीसी का रजिस्ट्रार, इनरोलमेंट एजेंसी, सुपरवाइजर, वेरीफायर और ऑपरेटर द्वारा नहीं किया गया है. इसकी वजह से हैकर्स फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाने में सफल हो जाते हैं. अब पूरे आधार इनरोलमेंट प्रॉसेस की सिक्योरिटी आडिट कराई जाएगी. इसकी जांच जारी है.

गिरफ्तार आरोपियों के नाम

1. सौरभ सिंह, कानपुर

2. शुभम सिंह, कानपुर

3. शोभित सचान, कानपुर

4. शिवम कुमार, फतेहपुर

5. मनोज कुमार, फतेहपुर

6. तुलसीराम, मैनपुरी

7. कुलदीप सिंह, प्रतापगढ़

8. चमन गुप्ता, हरदोई

9. गुड्डू गोंड, आजमगढ़

10. सतेन्द्र कुमार, कानपुर

आरोपियों से बरामद सामान

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1. लैपटाप- 11

2. कृत्रिम फिंगर प्रिंट कागज पर- 38

3. कृत्रिम फिंगर प्रिंट कैमिकल निर्मित- 46

4. मोबाइल फोन- 12

5. आधार फिंगर स्कैनर- 2

6. फिंगर स्कैनर डिवाइस- 2

7. आइरिस (रेटिना स्कैनर)- 2

8. रबर स्टैम्प (मोहर)- 8

9. आधार कार्ड- 18

10. वेब कैम- 1

 

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