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अलवर को-ऑपरेटिव बैंक घोटालाः गूगल से फोटो लेकर बनाए थे फर्जी पैनकार्ड

राजस्थान में अलवर अरबन को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले में हैरान कर देने वाले तथ्य सामने आए हैं. एसओजी की जांच में खुलासा हुआ है कि बैंक के संचालकों ने गूगल से 400 लोगों के फोटो निकालकर फर्जी पैनकार्ड बनाए और फिर इन्हीं लोगों के नाम पर खाते खेलकर 8 करोड़ का लोन बैंक से उठा लिया. इस घोटाले में अभी तक बैंक के चेयरमैन, सीईओ, डायरेक्टर और सीए समेत 6 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं.

इस घोटाले की जांच में एसओजी और सीबीआई ईडी की मदद भी लेगी इस घोटाले की जांच में एसओजी और सीबीआई ईडी की मदद भी लेगी
परवेज़ सागर/शरत कुमार
  • अलवर,
  • 30 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 7:59 PM IST

राजस्थान में अलवर अरबन को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले में हैरान कर देने वाले तथ्य सामने आए हैं. एसओजी की जांच में खुलासा हुआ है कि बैंक के संचालकों ने गूगल से 400 लोगों के फोटो निकालकर फर्जी पैनकार्ड बनाए और फिर इन्हीं लोगों के नाम पर खाते खेलकर 8 करोड़ का लोन बैंक से उठा लिया. इस घोटाले में अभी तक बैंक के चेयरमैन, सीईओ, डायरेक्टर और सीए समेत 6 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं.

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राजस्थान के अलवर अरबन को-ऑपरेटिव बैंक में बड़े घोटाले का खुलासा उस वक्त हुआ था, जब कुछ दिन पहले 1 करोड़ 38 लाख के नोट बदलने के लिए दिल्ली जा रहे कुछ बैंककर्मियों पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. पूछताछ में बैंक के कर्मचारियों ने बताया कि यह पैसा बैंक के चेयरमैन का है. इसके बाद मामले की जांच एसओजी को दे दी गई और केंद्र ने सीबीआई को भी जांच में लगा दिया था.

बैंक के मालिक अभिषेक जोशी, चेयरमैन मृदुल जोशी, एमडी और सीईओ महेश मुद्गल ने अपने अधिकारियों के साथ मिलकर गूगल से करीब 400 लोगों के फोटो निकाले. फिर फर्जी पैनकार्ड बनाए गए. इन पैनकार्ड के जरिए बैंक में फर्जी खाते खोले गए. उन्हीं खातों के नाम पर 8 करोड़ का लोन दिया जाना दिखाया गया. और ये पैसा हड़प लिया गया. इसके अलाव आठ करोड़ के गोल्ड और जमीन में भी इनवेस्ट दिखाई गई. कुल मिलाकर यह 16 करोड़ का घोटाला है.

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एसओजी और सीबीआई ने जब इस मामले की जांच शुरु की तो पता चला कि लोन लेने वाले सभी लोग फर्जी हैं. उनके खाते भी फर्जी हैं. उन्होंने लोन के लिए जिन जमीनों के कागज बैंक में रखे थे, वो भी फर्जी पाए गए. अब इस मामले में ईडी की मदद भी ली जा रही है.

बताते चलें कि इस मामले में जब एसओजी ने जांच शुरू करने के बाद ही बैंक के कैशियर ने खुदकुशी कर ली थी. एसओजी के एडीजी उमेश मिश्रा के अनुसार इस घोटाले के मास्टर माइंड दिल्ली के जोशी बंधु ही हैं. जिन्हें दिल्ली का चार्टड एकाउंटेंट आशीष गुप्ता सलाह दे रहा था. उस सीए को गुरुवार की रात एसओजी ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है.

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