
एससी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजनीतिक पार्टियां कोर्ट के निर्णय के खिलाफ हैं तो वहीं दूसरी तरफ आंकड़े भी इस मामले पर कुछ तथ्य साफ तौर पर बता रहे हैं. इनके मुताबिक इस एक्ट के तहत झूठे मामले बनाने के कई मुकदमे पाये गए. राज्यसभा में गृह मंत्रालय से यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार को जानकारी है कि SC/ST Act 1989 के तहत गैर जमानती मामलों के तहत झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है. इसके जवाब में गृह मंत्रालय ने एससी एसटी एक्ट के संदर्भ में कई आंकड़े प्रस्तुत किए हैं.
गृह मंत्रालय के मुताबिक, वर्ष 2014 में अनुसूचित जाति (SC) के कुल 40300 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 6144 मामले झूठे पाए गए. वर्ष 2014 में अनुसूचित जनजाति (ST) के कुल 6826 मामले दर्ज किए गए, जिसमें 1265 मामले झूठे साबित हुए.
जबकि वर्ष 2015 में अनुसूचित जाति के कुल 38564 मामले दर्ज हुए, जिसमें 5866 मामले झूठे साबित हुए. वहीं, अनुसूचित जनजाति से जुड़े कुल 6275 मामले वर्ष 2015 में दर्ज हुए, जिसमें 1177 मामले झूठे साबित हुए.
2016 में अनुसूचित जाति के कुल 40774 मामले दर्ज हुए, जिसमें 5344 मामले झूठे साबित हुए. वहीं, 2016 में अनुसूचित जनजाति के कुल 6564 मामले दर्ज हुए, जिसमें 912 मामले झूठे साबित हुए.
आपको बता दें कि SC/ST एक्ट के तहत कार्रवाई और सज़ा के प्रावधानों में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी गाइडलाइन पर फिर से विचार करने को लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने याचिका दाखिल की है. इस पुनर्विचार याचिका में कहा गया है कि मामले को संवैधानिक पीठ के समक्ष भेजा जाए. साथ ही इस मामले में लोजपा को भी पक्षकार बनाया जाए.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस आदर्श गोयल और जस्टिस उदय उमेश ललित की पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि SC/ST एक्ट के तहत तुरंत गिरफ्तारी नहीं होगी. गिरफ्तारी से पहले पुलिस अधीक्षक आरोपों की जांच करेंगे. इसके बाद ही कार्रवाई आगे बढ़ेगी. इस पर लोजपा को आपत्ति है.
याचिका को लेकर लोजपा नेता और सांसद चिराग पासवान की दलील है कि सख्त प्रावधानों के बावजूद दलितों पर अत्याचार बन्द नहीं हुआ है. ऐसे में प्रावधानों में ढील खतरनाक हो जाएगी.
लोजपा प्रवक्ता संजय श्रॉफ का भी कहना है कि लोजपा के बाद जल्दी ही सामाजिक संगठन दलित सेना भी सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका लगाएगा. इसके अलावा लोजपा ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर सरकार की ओर से भी याचिका दायर करने की अपील की है. सुप्रीम कोर्ट में लोजपा इस मामले की जल्द सुनवाई के लिए अपील भी कर सकती है.