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कर्ज माफी की मांग को लेकर आकालियों का विधानसभा में काला कुर्ता पहनकर प्रदर्शन

इस पूरे प्रोटेस्ट को लेकर पंजाब विधानसभा में जमकर हंगामा हो गया. सत्तासीन कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अपने 10 साल के शासन में अकाली दल ने ही पंजाब की ऐसी हालत कर दी कि पंजाब के किसानों को एक के बाद एक खुदकुशी करनी पड़ी.

सुखबीर बादल (फाइल) सुखबीर बादल (फाइल)
अंकुर कुमार/सतेंदर चौहान
  • चंडीगढ़,
  • 21 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 5:37 PM IST

पंजाब विधानसभा के जारी बजट सत्र के दौरान अकाली दल के विधायक अपने अध्यक्ष सुखबीर बादल की अगुवाई में काले रंग के कुर्ते पहन कर विधानसभा पहुंचे. इन काले रंग के कुर्तों पर सुखबीर बादल और तमाम विधायकों ने सफेद रंग के कागज के पोस्टर लगा रखे थे. पोस्टर पर लिखा था कि कैप्टन सरकार किसानों, मजदूरों और दलितों का करीब 90 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ करे.

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इस पूरे प्रोटेस्ट को लेकर पंजाब विधानसभा में जमकर हंगामा हो गया. सत्तासीन कांग्रेस ने आरोप लगाया कि अपने 10 साल के शासन में अकाली दल ने ही पंजाब की ऐसी हालत कर दी कि पंजाब के किसानों को एक के बाद एक खुदकुशी करनी पड़ी.

सत्तासीन कांग्रेस ने कहा कि अब सत्ता से बाहर होने पर अकाली दल के विधायक पंजाब के किसानों को बचाने के लिए काले कपड़े पहनकर सदन में पहुंच रहे हैं. पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि अकाली दल की करतूतें काली रही हैं और अपनी काली करतूतों को छुपाने के लिए अब अकाली दल के नेता सत्ता से बाहर होने के बाद काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन कर रहे हैं. कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने भी अकाली दल विधायकों और सुखबीर बादल के काले कपड़े पहनने पर जमकर हमला बोला.

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वहीं अकाली दल का कहना था कि काले कुर्ते पहन कर वो पंजाब में किसानों और अन्य लोगों से किए गए झूठे वादों को लेकर सरकार को याद दिलाना चाहते थे कि पंजाब में कांग्रेस के सत्ता में आने से पहले इन लोगों से झूठे वायदे किए और अब अपने वादे पूरा करने से कांग्रेस पीछे हट रही है.

आम आदमी पार्टी ने भी अकाली दल के काले कुर्ते पहनकर किए जा रहे प्रदर्शन के बहाने कांग्रेस और अकाली दल दोनों को ही काले कारनामे करने वाली पार्टी करार दे दिया.

पंजाब विधानसभा का जारी बजट सत्र बेहद ही हंगामेदार होता जा रहा है. सदन में कभी अकाली दल तो कभी आम आदमी पार्टी सत्तासीन कांग्रेस को घेरने में लगी है लेकिन इस राजनीतिक उठापटक के बीच जनता से जुड़े मुद्दों को लेकर कोई भी पार्टी गंभीर नजर नहीं आ रही है.

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