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अलवर जिले में पिछले दिनों हुई ओलावृष्टि से फसल तबाह हो गई है. फसल का मुवावजा अभी तक किसानों को नही मिला है. इससे परेशान होकर तुलेड़ा गांव के कई किसनों ने खेतो में ओलावृष्टि से तबाह गेंहू की फसल में आग लगा दी.
तुलेड़ा निवासी काला खान और महमूद खान ने अपनी नौ बीघा जमीन पर गेंहू की फसल बोई थी. ओलावृष्टि से सारी फसल तबाह हो गई. खेतो की बर्बादी को देखकर उनका दिल टूट जाता है. मुआवजे की आस में कुछ दिन निकले लेकिन लगातार हो रही देरी से परेशान होकर उसका सब्र का बांध टूट पड़ा. भाईयों ने आपस में बातचीत करके खेतों में बर्बाद हो चुकी गेहूं की फसल को आग लगा दी.
लोगों ने आग लगाने की वजह के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि फसल इतनी भी नहीं बची कि कटाई के लिए लगने वाली मजदूरी भी निकल जाए. इस आक्रोश के पीछे कुदरत की मार के साथ उन्होंने मुआवजा मिलने में हो रही सरकारी देरी को भी जिम्मेदार बताया है. दुखी किसान काला खान की बेटी की दो महीने बाद शादी है. मुश्किल से गुजर-बसर कर रहे काला खान को इस बार गेहूं की फसल से करीब दो लाख की आमद होने की उम्मीद थी लेकिन बेमौसम बारिश और ओलों ने उसके सपनों को तोड़कर रख दिया.
बेटी की शादी के लिए कर्ज की मार अब और बढ़ने वाली है, लिहाजा सरकारी देरी से नाराज काला खान और उसके परिजनों को फिलहाल इस परेशानी से निकलने के लिए कोई रास्ता नहीं दिखाई नहीं दे रहा है. जिला प्रशासन ने सरकार से बतौर मुआवजा 46 करोड़ रुपये की मांग की है जिसकी एवज में अभी तक 2.10 करोड़ रुपए ही भेजे गए है.