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फारूक अब्दुल्ला पर देशद्रोह का केस चलाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल

दिल्ली हाईकोर्ट में फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ लगाई गई जनहित याचिका में पाकिस्तान को लेकर हाल ही में दिया गए बयान पर उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकद्दमा दर्ज करने और पुलिस को गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से आदेश करने की मांग की गई है.

फारूक अब्दुल्ला फारूक अब्दुल्ला
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 17 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 9:15 PM IST

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला के पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर दिए विवादित बयान पर दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की है.

दिल्ली हाईकोर्ट में फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ लगाई गई जनहित याचिका में पाकिस्तान को लेकर हाल ही में दिया गए बयान पर उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकद्दमा दर्ज करने और पुलिस को गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से आदेश करने की मांग की गई है. इसके अलावा पासपोर्ट जब्त करके एनआईए और आईबी से जांच करवाने की भी याचिका में मांग की गई है.

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याचिकाकर्ता का कहना है कि फारूक अब्दुल्ला को दो बार मुख्यमंत्री भारत की जनता ने बनाया है, उनकी राष्ट्रीयता भारतीय है. लेकिन वो गुणगान पाकिस्तान का कर रहे हैं. हाइकोर्ट में उन्हें याचिका इसलिए लगानी पड़ी क्योंकि खुद सरकार ने उनके इस बयान के बाद फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया. याचिकाकर्ता का कहना है कि जब वो वोट हिंदुस्तान की जनता से मांगते हैं, तो फिर पाकिस्तान के साथ इतना प्रेम क्यों?

हाईकोर्ट में सोमवार को इस याचिका पर सुनवाई हो सकती है. गौरतलब है कि फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि पाकिस्तान ने चूड़ियां नहीं पहन रखीं, वो इतना कमजोर नहीं है कि अपने कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर भारत का कब्जा होने देगा. इससे पहले अब्दुल्ला ने कथित तौर पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को पाकिस्तान का बताया था. अब्दुल्ला ने उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के उरी सेक्टर में एक जनसभा में बोला था कि हम कब तक कहते रहेंगे कि पीओके हमारा हिस्सा है.

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