
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में पाकिस्तान की ओर से किए गए सीजफायर उल्लंघन में शहीद जवान सुधीश कुमार का उनके पैतृक गांव में मंगलवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया. इस मौके पर हजारों लोगों ने नम आंखों से शहीद जवान को अंतिम विदाई दी. इससे पहले सुधीश के परिवारवाले शहीद जवान का अंतिम संस्कार करने को तैयार नहीं थे हालांकि, बातचीत के बाद वे राजी हो गए. परिवारवाले पहले यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आने की मांग कर रहे थे. परिवारवालों का कहना था कि जब तक खुद मुख्यमंत्री नहीं आते तब तक सुधीश कुमार का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा.
सपा नेताओं ने परिवार वालों से बात की. सपा के जिला अध्यक्ष फिरोज खान और पूर्व मंत्री ब्रृजेंद्र पाल ने बताया कि परिवार से बात की गई और उन्हें आश्वासन दिया गया कि शहीद जवान की याद में सड़क का नाम रखा जाएगा और कॉलेज बनाया जाएगा. इसके अलावा शहीद के परिवारवालों की सीएम अखिलेश यादव के साथ मुलाकात भी होगी.
इससे पहले घरवाले सीएम अखिलेश के आने की मांग पर अड़े हुए थे. शहीद सुधीश कुमार के पिता ब्रह्मपाल ने 'आज तक' से कहा था कि मुख्यमंत्री को जाति के आधार पर भेदभाव बंद करना चाहिए. उन्होंने मांग रखी कि अखिलेश यादव को उनके बेटे की शहादत के लिए भी वही सम्मान दिखाना चाहिए जो उन्होंने दूसरे जवानों के लिए दिखाया है. शहीद सुधीश का शव उनके गांव पंसूखामिलक लाया गया है.
बता दें कि पाकिस्तान की ओर से फायरिंग में शहीद हुए जवान सुधीश कुमार की महज चार महीने की एक बेटी है. सुधीश उसी के जन्म के समय घर आये थे और बेटी का नाम भी सुधी रखा था. सुधीश ने दो दिन पहले ही फोन पर अपनी मां से बात की थी और कहा था कि उनकी पत्नी के लिए करवाचौथ का सामान लेकर दे दें.