
इस सीजन फरवरी में रिकॉर्डेड गर्मी हो रही है और ये गर्मी किसानों के लिए दोहरी मार बनकर आई है. एक तरफ पानी न देने पर जहां फसल सूखेगी वहीं पानी देने पर भी फसल को नुकसान होने का खतरा है. मौसम विभाग ने तेज हवाएं चलने का अनुमान जताया है, ऐसे में अगर फसल को पानी दिया जाए तो तेज हवाएं चलने पर फसल के गिरने का खतरा है.
पंजाब और हरियाणा की बात करें तो इस बार यहां गेंहूं की बंपर पैदावार होने वाली थी और किसान इससे बेहद खुश थे. लेकिन गर्मी बढ़ने से गेंहूं की बाल मार्च के आखिरी हफ्ते के बजाय अभी से पकनी शुरु हो गई है. बताया जा रहा है कि फसल पीली पड़ रही है लेकिन उसमें गेंहूं के दाने नदारद हैं.
एग्रीकल्चर एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस बार जो गर्मी पड़ रही है वो किसानों के लिए नई समस्या खड़ी करने वाली है. पहले ही किसान महंगाई, नोटबंदी और कर्जे के बोझ तले दबा है और अब जो किसान ये उम्मीद लगाए बैठे थे कि इस बार गेंहूं की बंपर फसल होगी, किसानों का वो सपना भी चकनाचूर होता हुआ दिखाई दे रहा है. ऐसे में अब वक्त आ गया है कि देश के कृषि संस्थान ऐसी फसलों की किस्में तैयार करें जो कि जल्दी पकने वाली हो और इस तरह के मौसम के बदलाव को भी झेल सकें.
मौसम विभाग ने किसानों को समझाने की कोशिश की है कि वो अपने खेतों में ये सोचकर ज्यादा पानी ना दें कि काफी गर्मी पड़ रही है. चंडीगढ़ के मौसम विभाग के डायरेक्टर सुरेंद्र पॉल ने बताया कि 2016 बेहद गरम रहा था लेकिन 2017 की शुरुआत से ही ज्यादा गर्मी पड़ने की आशंका है. नासा की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बार फरवरी में जो गर्मी पड़ रही है उसने 137 साल पुराने रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है.