
ऐसे कई कारण हैं, जिस वजह से कई बच्चे जन्म से ही मंदबुद्धि पैदा होते हैं. और हम सब ये सोच लेते हैं कि ये मंदबुद्धिता उम्र भर उनका पीछा करती रहेगी.
पर अब ऐसे बच्चों का इलाज पटना में संभव है. पटना स्थित एम्स में ये नई सुविधा आरंभ की गई है. पटना एम्स के ethical committe ने जेनेटिक रिसर्च के लिए मंजूरी दे दी है.
पूर्वी भारत में पटना पहला शहर होगा जहां इस तरह के रिसर्च को मंजूरी मिली है. जेनेटिक रिसर्च लैब के जरिए अब यह पता लगाना बहुत आसान हो जाएगा कि वो कौन से कारण हैं, जिनके चलते बच्चे जन्म से मंदबुद्धि पैदा होते हैं. यह जांच पटना एम्स में मुफ्त में किया जाएगा. इससे पहले इस तरह के जांच के लिए पूर्वी भारत के लोगों को हैदराबाद, दिल्ली या मुबंई जाना पड़ता था.
W.H.O के रिपोर्ट की मानें तो वंशानुगत रोग के कारण बिहार,झारखंड और छत्तीसगढ़ मे कुल आबादी के करीब 3 प्रतिशत बच्चे जन्म से इस समस्या से पीडि़त होते हैं. एम्स के विभागाध्यक्ष पैथलॉजी डॉ. अजीत कुमार सक्सेना का कहना है कि मंदबुद्धि का मुख्य कारण अशिक्षा, गरीबी और कुपोषण है.