
एजेंडा आज तक के दूसरे दिन के सातवें सत्र का विषय 'कितने सहनशील हैं हम' था. इस सत्र के मेहमान फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा थे. हालांकि, अभिनेता अनुपम खेर को भी इस सत्र का हिस्सा बनना था, लेकिन फ्लाइट लेट होने की वजह से वह नहीं आ सके. उन्होंने ट्विटर पर इसका अफसोस जताया है.
आशुतोष ने अवॉर्ड वापसी की तुलना गांधी जी के सविनय अविज्ञा आंदोलन से करते हुए कहा कि लेखकों का पुरस्कार लौटाकर विरोध जताने का तरीका गलत नहीं है. असहिष्णुता पर आमिर और शाहरुख खान के बयानों पर उन्होंने कहा कि शाब्दिक असहिष्णुता का कोई अर्थ नहीं है.
...पर क्या हम घर छोड़ देते हैं?
उन्होंने आमिर खान की पत्नी के देश छोड़ने वाली बात पर कहा कि हम सब के साथ बहुत बार ऐसी परिस्थितियां आती हैं, जब हम घर कहते हैं कि हम घर छोड़ देंगे, पर क्या हम घर छोड़ देते हैं? ऐसा नहीं होता है. आमिर के बयान के बाद जो प्रतिक्रिया हुई वह असहनशीलता का उदाहरण है.
संपत्ति वालों को घेरती है विपत्ति
एक सवाल पर कि क्या जो व्यक्ति सबसे ज्यादा सुरक्षित है, जिसे 100 से ज्यादा बाउंसर घेरे रहते हुए हैं, उसे ऐसा खतरा हो सकता है कि उसे देश छोड़ना पड़ जाए. इस पर आशुतोष ने कहा कि ऐसे लोगों को ही खतरा ज्यादा होता है. विपत्ति उसी को घेरती है, जिसके पास संपत्ति होती है.