
फिल्म पद्मावती केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बाद अब गगृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने भी फिल्मकारोॆं को नसीहत दी है. हंसराज ने कहा कि इतिहास के साथ किसी को भी छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए. एक अपना इतिहास है. इतिहास को पढ़कर फिल्म बनानी चाहिए. लोगों की भावनाएं हैं. उनका सम्मान करना चाहिए.
हंसराज अहीर का कहना है कि राज्यों को अपना अधिकार है, फिल्म को रिलीज करने देना है या नहीं है. वहां की जो कानून व्यवस्था है, उनको वह देखेंगे, संभालने में सक्षम है.
गृह राज्यमंत्री का कहना है कि देश का पुरातन इतिहास है. बहुत महान देश है. इसलिए देश के इतिहास के साथ छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए. लोकतंत्र होने के नाते विरोध प्रदर्शन होते हैं. उस पर ध्यान देना चाहिए. अगर एक फिल्म में इतिहास के पन्नों को बदलने का प्रयास हुआ है. जनता की आवाज को सुनने के लिए भी लोकतंत्र होता है.
'आक्रमणकारियों को हीरो नहीं बोल सकते'
अहीर ने कहा, 'मुझे लगता है कि जो देश का इतिहास चाहे राजपूतों को या मराठों का हो. ये शूरवीरों का इतिहास है और आक्रमणकारियों को जिन्होंने देश पर आक्रमण किया है बाहरी देश के राजाओं को हीरो बनाने की कोशिश की जाती है. यह ठीक नहीं है. कोई मानेगा नहीं. आक्रमणकारियों को हीरो नहीं बोल सकते, नहीं बोला जाएगा. उनको विलेन ही बोला जाएगा.'
संजय लीला भंसाली के बयान पर हंसराज अहीर का कहना है कि उन्हें सोच समझ कर काम करना चाहिए. हमको किसी प्रोड्यूसर या स्टार से लड़ना नहीं है. देश की भावनाओं का सम्मान होना चाहिए. केंद्रीय मंत्री उमा भारती के बयान पर हंसराज अहीर का कहना है कि हम उमा भारती की बयान का पूरा सम्मान करते है. उनका बयान अपनी जगह सही है, लेकिन बात कुछ अलग है. इतिहास का पन्ना पढ़कर ही फिल्म बननी चाहिए.
फिल्म की रिलीज पर राज्यों को पूरा अधिकार
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की चिट्ठी पर हंसराज अहीर का कहना है कि सारे मुख्यमंत्री चिंता प्रकट कर रहे हैं. सभी मुख्यमंत्रियों का अधिकार है. अपनी-अपनी कानून व्यवस्था को देखना. किसी मुख्यमंत्री ने बात की, किसी ने पत्र लिखा है. कानून व्यवस्था को वह लोग देख लेंगे. उनका अधिकार है, लेकिन ऐसी नौबत ना आए. सरकार इसको देख लेगी. राज्यों की सरकार का पूरा अधिकार है कि उनको अपने राज्यों में फिल्म रिलीज होने देना है या नहीं होने देना है. किसी को रोका तो नहीं है.