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Film Review: धारावाहिक जैसी लगती है 'मोहेनजो दारो'

आशुतोष गोवारिकर का नाम आते ही कुछ सुपर डुपर हिट 'लगान' जैसी फिल्में तो कुछ काफी कमजोर फिल्में जैसे 'व्हाट्स योर राशि', 'खेलें हम जी जान से' का नाम याद आ जाता है. आशुतोष ने साल 2008 में रितिक रोशन के साथ 'जोधा अकबर' जैसी बहुत बड़ी फिल्म बनाई थी, जिसने काफी कमाई भी की. अब एक बार फिर से लगभग 8 साल के बाद आशुतोष और रितिक की 'मोहेन जोदारो' के साथ वापसी हुई है. कैसी है यह फिल्म आइए जानते हैं.

'मोहेन जोदरो' 'मोहेन जोदरो'
पूजा बजाज
  • नई दिल्ली,
  • 12 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 1:27 PM IST

फिल्म का नाम: 'मोहेनजो दारो'
डायरेक्टर: आशुतोष गोवारिकर
स्टार कास्ट: रितिक रोशन, पूजा हेगड़े, कबीर बेदी, अरुणोदय सिंह, नितीश भरद्वाज, नरेंद्र झा, मनीष चौधरी
अवधि: 2 घंटा 35 मिनट
सर्टिफिकेट: U/A
रेटिंग: 1.5 स्टार

आशुतोष गोवारिकर का नाम आते ही कुछ सुपर डुपर हिट 'लगान' जैसी फिल्में तो कुछ काफी कमजोर फिल्में जैसे 'व्हाट्स योर राशि', 'खेलें हम जी जान से' का नाम याद आ जाता है. आशुतोष ने साल 2008 में रितिक रोशन के साथ 'जोधा अकबर' जैसी बहुत बड़ी फिल्म बनाई थी, जिसने काफी कमाई भी की. अब एक बार फिर से लगभग 8 साल के बाद आशुतोष और रितिक की 'मोहेनजो दारो' के साथ वापसी हुई है. कैसी है यह फिल्म आइए जानते हैं.

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कहानी
फिल्म की कहानी उस समय पर आधारित है जब सिंधु घाटी सभ्यता के अन्तर्गत लोग रहा करते थे. उसी दौरान एक छोटे से गांव आमरी का लड़का सरमन (रितिक रोशन) अपने काका (नितिश भारद्वाज) और काकी के साथ रहता है. एक दिन नील की फसल के व्यापार के लिए सरमन नदी पार करके पास के ही बड़े शहर मोहेनजो दारो पहुंच जाता है जहां उसकी मुलाकात चानी (पूजा हेगड़े) से होती है, उसी बीच मोहेन जोदरो में महम (कबीर बेदी) अपनी शक्तियों की वजह से बलपूर्वक सबके ऊपर राज करने की कोशिश करता है जिसमें उसके बेटे मूंजा (अरुणोदय सिंह) का भी बड़ा हाथ होता है. अब सरमन के लिए एक तरफ अपना प्यार चानी है तो वहीँ दूसरी तरफ पूरे मोहन जोदरो की रक्षा करने का भी दबाव आता है. साथ है उसे कुछ ऐसी बातें भी पता चलती है जिसके बारे में उसे कभी भी नहीं बताया गया था. अब कैसे सरमन पूरे मोहन जोदरो को बचा पाता है, और क्या नयी बातें सामने आती हैं, इसका पता आपको फिल्म देखकर ही चलेगा.

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स्क्रिप्ट
फिल्म की कहानी के पीछे काफी रिसर्च किया गया है यह तो समझ आता है, आशुतोष ने स्क्रीनप्ले और प्रीती ममगैन ने अच्छे संवाद लिखे हैं. बस कहानी और उसका फिल्मांकन बहुत ही लंबा लगता है जिसे छोटा किया जा सकता था. एक वक्त के बाद फिल्म, धारावाहिक लगने लगती है. फिल्म के फाइट सिक्वेंस, गीतों का फिल्मांकन और लोकेशंस कमाल की हैं.

अभिनय
रितिक रोशन ने गजब का अभिनय किया है और सरमन को शत प्रतिशत जीवंत किया है, वहीं पूजा हेगड़े ने चानी का अच्छा किरदार निभाया है. मनीष चौधरी, शरद केलकर, नितीश भारद्वाज, कबीर बेदी, अरुणोदय सिंह और बाकी सभी सह कलाकारों ने अच्छा और सहज अभिनय किया है.

कमजोर कड़ी
फिल्म की कमजोर कड़ी कहानी है, इंटरवल के पहले और इंटरवल के बाद भी काफी लंबी फिल्म लगती है और एक वक्त के बाद ऐसा पल भी आता है जब आप मोबाइल फोन खोलकर मैसेज देखने के लिए विवश हो जाते हैं.

संगीत
फिल्म का संगीत अच्छा है और ए आर रहमान ने अच्छा म्यूजिक कंपोज किया है.

क्यों देखें
अगर आशुतोष गोवारिकर की फिल्में आपको पसंद हैं और रितिक के फैन हैं तो एक बार इस फिल्म को देख सकते हैं.

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