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Film review: 'MSG' देखकर समझिए राम रहीम और उनके काम को

कई विवादों और धारा 144 के बीच आखि‍रकार फिल्म 'MSG- द मैसेंजर' रिलीज हो गई है. यह फिल्म डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह 'इंसा' की असल कहानी को ही बयां करती है. फिल्म में बताया गया है कि वह रोजमर्रा में क्या काम करते हैं, उनके विचार क्या हैं और बुरे लोगों से निपटने का उनका तरीका क्या है. फिल्म में उनकी जिंदगी से जुड़े तमाम विवादों और आरोपों का भी जिक्र किया गया है.

Sant Gurmeet Ram Rahim Singh Sant Gurmeet Ram Rahim Singh
पूजा बजाज
  • नई दिल्ली,
  • 13 फरवरी 2015,
  • अपडेटेड 7:50 PM IST

फिल्म: एमएसजी- मैसेंजर
डायरेक्टर: गुरमीत राम रहीम सिंह, जीतू अरोड़ा
कलाकार: गुरमीत राम रहीम सिंह, डेनि‍यल कालेब, फ्लोरा सैनी, जयश्री सोनी, ऑलेग्जैन्ड्रा सेमेन, जय सिंह राजपूत
रेटिंग: रेटिंगप्रूफ

कई विवादों और धारा 144 के बीच आखि‍रकार फिल्म 'MSG- द मैसेंजर' रिलीज हो गई है. यह फिल्म डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह 'इंसा' की असल कहानी को ही बयां करती है. फिल्म में बताया गया है कि वह रोजमर्रा में क्या काम करते हैं, उनके विचार क्या हैं और बुरे लोगों से निपटने का उनका तरीका क्या है. फिल्म में उनकी जिंदगी से जुड़े तमाम विवादों और आरोपों का भी जिक्र किया गया है.

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इसके साथ ही फिल्म में वे सभी फैक्टर भी हैं जो कि एक बॉलीवुड फिल्म में देखे जाते हैं. फिल्म गुरमीत राम रहीम की बायोपिक सरीखी ही है, लेकिन इसमें एक कहानी जरूर बुनी गई है. युवाओं को ध्यान में रखते हुए फिल्म में एक्शन, इमोशन, कॉमेडी और म्यूजिक का तड़का भी लगाया गया है. एक संत की ओर से पहली बार किसी फिल्म में एक्टिंग और डायरेक्शन के जरिए समाज सेवा के कार्यों के संदेश देने के लिहाज से यह अच्छी शुरुआत कही जा सकती है.

कहानी में कितना है दम
फिल्म की शुरुआत अच्छी कोरियोग्राफी वाले एक हिप-हॉप गाने 'नेवर एवर' से होती है. कहानी शुरू होती है देश में फैलाए गए ड्रग माफिया के एक जाल से. एक डॉन है, उसके देश में कुछ नुमाइंदे हैं और फिर देश को कई बुराइयों से बचाने वाले हीरो, यानी बाबा गुरमीत राम रहीम हैं. फिल्म में राम रहीम की बुराइयों के खिलाफ संघर्ष की कहानी है. कहानी इस तरह है कि 'बाबा' पर डॉक्युमेंट्री फिल्म बनाने आई विदेश से पत्रकार एलिस आती हैं. वह शूट करती जाती हैं और फिल्म की कहानी आगे बढ़ती जाती है. बीच-बीच में हंसाने वाले डायलॉग्स भी हैं. फिल्म में किसी भी धर्म पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है. पहला हाफ थोड़ा स्लो है लेकिन इंटरवल के बाद फिल्म रफ्तार पकड़ती है. अगर कोई डेरा सच्चा सौदा को समझना चाहता है तो वह इस फिल्म को देख सकते हैं.

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एक्टिंग की बात
फिल्म में 'पिता जी' का किरदार अदा कर रहे बाबा राम रहीम जी कि एक्टिंग बिल्कुल वैसी है जैसे वह असल जीवन में अपने समर्थकों को संदेश देते हैं. फिल्म में उनकी इमेज और बात करने का स्टाइल बिलकुल वैसा ही दिखाया गया है जैसा वह असल में हैं. जाहिर है, वह प्रोफेशनल एक्टर नहीं है. इसलिए एक्टिंग को तराशने की उम्मीद तो उनसे की ही जा सकती है. बाकी कलाकारों में बॉलीवुड एक्टर गौरव गेरा कॉमेडी करते हुए सबसे मजेदार लगे हैं.

कमाई की बात
विवादों के चलते हालांकि फिल्म को ज्यादा स्क्रीन्स नहीं मिल पाईं है. लेकिन पीवीआर की ओर से किए दावे के मुताबिक, पीवीआर थियेटर्स में फिल्म के 500 से ज्यादा शो बुक हो चुके हैं. इसके अलावा फिल्म को मल्टीप्लेक्स के बजाय सिंगल स्क्रीन पर अच्छे दर्शक मिलने की उम्मीद है. नॉर्थ बेल्ट में ही इस फिल्म को ज्यादा दर्शक मिलने की उम्मीद है. बाबा राम रहीम के देश में करीब 5 करोड़ सर्मथक हैं, इस लिहाज यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा बिजनेस कर सकती है.

(यह फिल्म समीक्षा पूजा बजाज ने की है, जो स्वयं राम रहीम की अनुयायी हैं. डेरा प्रमुख का समर्थक होने के नाते फिल्म को लेकर उन्होंने अपना नजरिया सामने रखा है.)

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