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FILM REVIEW: दिल को छू लेगी 'Chalk N Duster'

स्‍कूल की पृष्‍ठभूमि पर एक और फिल्‍म आई है 'Chalk N Duster. फिल्‍म इंडस्ट्री के मंझे हुए कलाकारों को लेकर बनाई इस फिल्‍म को देखना कितना फायदेमंद रहेगा जानिए यहां.

शबाना आजमी और जूही चावला शबाना आजमी और जूही चावला
वन्‍दना यादव
  • मुंबई,
  • 14 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 9:23 AM IST

फिल्म का नाम: Chalk N Duster
डायरेक्टर: जयंत गिलतर
स्‍टार कास्ट: जूही चावला, शबाना आजमी, दिव्या दत्ता, गिरीश कर्नाड, आर्य बब्बर, जैकी श्रॉफ, ऋचा चड्ढा, ऋषि कपूर , उपासना सिंह
अवधि: 2 घंटा 10 मिनट
सर्टिफिकेट: U रेटिंग: 3 स्टार

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के मंझे हुए कलाकारों जैसे शबाना आजमी, जूही चावला और दिव्या दत्ता को लेकर एक स्कूल टीचर की जिंदगी पर आधारित फिल्म 'Chalk N Duster' बनाई गई है. वैसे तो शबाना आजमी ने पहले भी एक बार टीचर का किरदार निभाया था लेकिन यहां जूही चावला को पहली बार टीचर बनने का मौका मिला है. अब क्या मंझे हुए कलाकारों से लबरेज 'Chalk N Duster 'आपको सिनेमाघर तक ले जा पाने में सक्षम है?

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कहानी
यह कहानी मुख्यतः मुंबई की दो शिक्षिकाओं की है. एक हैं गणित पढ़ाने वाली विद्या सावंत (शबाना आजमी) तो दूसरी साइंस टीचर ज्योति (जूही चावला मेहता) हैं. दोनों मुंबई के 'कांताबेन हाई स्कूल' में पढ़ाती हैं. पढ़ाने की कला के कारण ही स्टूडेंट्स के साथ उनकी बॉन्डिंग अच्छी रहती है. लेकिन जब स्कूल की सुपरवाईजर कामिनी गुप्ता (दिव्या दत्ता) को प्रिंसिपल बनाया जाता है तो कहानी में कई मोड़ आने लगते हैं. कामिनी इस स्कूल के मुनाफे के लिए पुराने और अनुभवी टीचर्स की जगह नए फ्रेश टीचर्स को लेने की जिद पर अड़ जाती है. फिर विद्या और ज्योति अपने सम्मान की लड़ाई लड़ती हैं और आत्मसम्मान के लिए मैनेजमेंट के खिलाफ हो जाती हैं. बहुत सारे ट्विस्ट और टर्न्स के बाद आखिरकार एक अच्छे क्लाइमेक्स के साथ फिल्म को अंजाम मिलता है जिसे जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.

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स्क्रिप्ट
फिल्म की स्क्रिप्ट स्कूल टीचर्स के रहन-सहन और क्रियाकलापों के मददेनजर लिखी गयी है. स्क्रीनप्ले राइटर्स रंजीव वर्मा और नीतू वर्मा ने छोटी-छोटी बातों का लिखावट के दौरान बहुत ख्याल रखा है, जैसे एक मराठी टीचर स्कूल में और ट्यूशन के दौरान कैसे पेश आएगी, या फिर क्लास रूम के भीतर क्या माहौल रहना चाहिए. क्लाइमेक्स के लिए लिखा गया पूरा सीन दिलचस्प तो है, उसके साथ गेम शो की तरह आप बंध भी जाते हैं, लेकिन वास्तविकता से काफी परे है. उसकी बजाय कुछ और तर्कसंगत और कल्पनीय सीक्वेंस बनाया जा सकता था. बहरहाल फिल्म में कई ऐसे पल आते हैं जो आपको सोचने पर विवश कर देते हैं और आप इमोशनल होने के साथ साथ अपने टीचर को जरूर याद करते हैं.

अभिनय
अभिनय के मामले में जहां एक तरफ उम्रदराज मराठी पत्नी और मां के रूप में शबाना आजमी ने शत प्रतिशत अभिनय किया है. वहीँ जूही चावला ने भी सच्चाई का साथ देते हुए अच्छे काम का मुजाहरा पेश किया है. अभिनेत्री दिव्या दत्ता ने अपने नेगेटिव किरदार से एक बार फिर दर्शा दिया की वो एक प्रतिभाशाली एक्ट्रेस हैं. उनके चेहरे के भाव देखना एक ट्रीट जैसा था. वहीँ गिरीश कर्नाड, समीर सोनी, उपासना सिंह ने बढ़िया और जरीना वहाब ने सहज अभिनय किया है. फिल्म में स्पेशल कैमियो करते हुए ऋषि कपूर, जैकी श्रॉफ ने भी किरदार के हिसाब से अच्छा काम किया है. ऋचा चड्ढा और आर्य बब्बर थोड़े और बेहतर ढंग से अपने किरदार को निभा सकते थे. उनके अभिनय में ग्रिप की कमी थी जिसकी वजह से उनके पात्र से रिलेट कर पाना मुश्किल था.

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संगीत
फिल्म का 'गुरु ब्रह्मा' वाला गीत समय समय पर जरूर आ रहा था, लेकिन बैकग्राउंड स्कोर ज्यादा सराहनीय है. इमोशनल पल में ये संगीत आपको सोचने पर विवश जरूर करता है.

क्यों देखें
अगर आप शबाना आजमी, जूही चावला, दिव्या दत्ता के कायल हैं. जमीनी हकीकत से जुडी फिल्में देखना पसंद है, या आप सिम्पल कहानियों के प्रेमी हैं, तो पूरे परिवार के साथ 'Chalk N Duster ' जरूर देखें.

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