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फिल्म: रईस
डायरेक्टर: राहुल ढोलकिया
स्टार कास्ट: शाहरुख खान, माहिरा खान, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, अतुल कुलकर्णी, आर्यन बब्बर
अवधि: 2 घंटा 22 मिनट
सर्टिफिकेट: U/A
नेशनल अवाॅर्ड विनिंग फिल्म 'परजानिया' के डायरेक्टर राहुल ढोलकिया ने इस बार 80 के दशक के दौर पर आधारित फिल्म 'रईस' बनाई है जिसमें पहली बार वो शाहरुख खान के साथ काम कर रहे हैं. इसके पहले राहुल ने 'लम्हा' और 'मुम्बई कटिंग' जैसी फिल्में भी बनाई हैं.
आइए जानते हैं आखिरकार कैसी बनी है फिल्म 'रईस'...
कहानी
यह कहानी 80 के दशक के गुजरात की है जहां स्कूल जाने वाला रईस (शाहरुख खान) और कबाड़ का काम करने वाली उसकी मां (शीबा चड्ढा) गरीबी की जिंदगी गुजर बसर करते हैं. हालांकि घर की ऐसी हालात देखकर पहले तो रईस देसी शराब का काम शुरू करता है लेकिन रेड पड़ने की वजह से काम में अड़चन आती है. फिर रईस अंग्रेजी शराब की दुकान पर (अतुल कुलकर्णी) का शागिर्द बन जाता है. दिमाग का तेज रईस एक वक्त के बाद खुद का धंधा शुरू करना चाहता है लेकिन इसके लिए उसका गुरु शर्त रखता है जिसके लिए रईस को 3 दिन का टाइम दिया जाता है.
रईस इस शर्त को पूरा करने के लिए मूसा भाई के पास जाता है. मूसा भाई, रईस की स्टाइल से इम्प्रेस हो जाता है और उसकी हेल्प भी करता है. फिर कहानी में कई मोड़ आते हैं, वापसी पर रईस खुद का शराब का धंधा शुरू कर देता है, फिर एस पी जयदीप अम्बालाल मजूमदार (नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी) की वजह से शराब व्यापारियों पर कार्यवाही की जाती है लेकिन रईस हमेशा बच निकलता है. अब डेयरिंग से भरी फिल्म के अंजाम को जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी.
क्यों देखें ये फिल्म
शाहरुख खान की पॉवरपैक एक्टिंग और उसके साथ-साथ नवाजुद्दीन सिद्दीकी की मौजूदगी फिल्म को काफी दिलचस्प बनाती है. साथ ही फिल्म के बाकी सह कलाकार जैसे मोहम्मद जीशान अयूब, अतुल कुलकर्णी इत्यादि ने भी बढ़िया काम किया है.
फिल्म के डायलॉग्स पहले से ही हिट हैं और जब भी वो फिल्म के दौरान आते हैं सीटियां और तालियां जरूर बजती हैं. ख़ास तौर पर शाहरुख के फैंस के लिए पूरा पैसा वसूल है.
फिल्म के लोकेशंस, सिनेमेटोग्राफी और बैकग्राउंड आपको 80 के दशक में ले जाकर बिठा ही देते हैं और फील भरपूर होती है.
एक्शन सीक्वेंस भी कमाल के हैं साथ ही लैला मैं लैला वाला गीत भी कहानी में अच्छा मोड़ लाता है.
शाहरुख खान के डायलॉग्स के साथ साथ नवाजुद्दीन की 'कोई भी काम लिखित में लेने' की स्टाइल काफी फेमस होगी. शाहरुख ने किरदार को कड़क बनाने के लिए बहुत ही ज्यादा प्रयास किया है जो स्क्रीन पर दिखाई देता है वहीँ नवाजुद्दीन सीरियस रोल में और भी जंचते हैं.
कमजोर कड़ियां
फिल्म का बजट काफी तगड़ा था लेकिन देखते वक्त कहीं ना कहीं कुछ कमी रह जाती है. ऐसा कुछ भी नहीं था जो नया हो.
माहिरा खान पूरी तरह से एक्सप्रेशनलेस थीं और रोमांस का एंगल जीरो था. इसकी वजह से कई साॅन्ग्स और सीक्वेंस निराश करते हैं.
फिल्म का फर्स्ट हाफ अच्छा है, लेकिन सेकंड हाफ कहीं-कहीं खिंचा हुआ लगता है. जिसे और भी बेहतर किया जाता तो फिल्म और ज्यादा दिलचस्प हो जाती.
बॉक्स ऑफिस
खबरों के मुताबिक़ फिल्म का बजट लगभग 90 करोड़ बताया जा रहा है और फिल्म भारत में लगभग 2500 स्क्रीन्स में रिलीज की जाने वाले है. ट्रेड पंडितों को मानें तो रईस की ओपनिंग तो अच्छी रहेगी बाकी सोमवार से फिल्म के कलेक्शन पर बड़ा असर पड़ेगा.