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Film Review: आउटरेटेड और बोझिल कहानी है 'रॉकी हैंडसम'

साल 2016 में होली के ठीक बाद निशिकांत कामत एक बार फिर जॉन के साथ 'रॉकी हैंडसम' लेकर आ रहे हैं. खास बात यह कि डायरेक्टर साहब ने इस फिल्म में एक्टिंग भी की है.

रॉकी हैंडसम में जॉन अब्राहम और दीया रॉकी हैंडसम में जॉन अब्राहम और दीया
स्‍वपनल सोनल/आर जे आलोक
  • मुंबई,
  • 24 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 1:37 PM IST

फिल्म का नाम: रॉकी हैंडसम
डायरेक्टर: निशिकांत कामत
स्टार कास्ट: जॉन अब्राहम, श्रुति हासन, नतालिया कौर, दिया छलवाड़, निशिकांत कामत
अवधि: 2 घंटा 06 मिनट
सर्टिफिकेट: A
रेटिंग: 2 स्टार

निशिकांत कामत हिंदी और मराठी फिल्मों के बेहतरीन डायरेक्टर्स में से एक हैं. उन्होंने 'मुंबई मेरी जान', 'लय भारी' और 'दृश्यम' जैसी कुछ बेहतरीन फिल्में बनाई हैं. साल 2011 में कामत जॉन अब्राहम के साथ 'फोर्स' लेकर आए थे. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर बढ़ि‍या प्रदर्शन किया था. 2016 में होली के ठीक बाद निशिकांत कामत एक बार फिर जॉन के साथ 'रॉकी हैंडसम' लेकर आ रहे हैं. खास बात यह कि डायरेक्टर साहब ने इस फिल्म में एक्टिंग भी की है.

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कहानी:
जैसा कि फिल्म के ट्रेलर से समझ में आ जाता है कि 'रॉकी हैंडसम' एक थ्रिलर है. इसकी कहानी कबीर अहलावत उर्फ रॉकी हैंडसम (जॉन अब्राहम), रूक्षीदा (श्रुति हासन) और छोटी बच्ची नाओमी (दिया) के इर्द-गिर्द घूमती है. फिल्म में कबीर अपनी पिछली जिंदगी को भूलकर आगे बढ़ता है और गोवा में रहता है. यहीं उसके पड़ोस में छोटी बच्ची नाओमी भी रहती है. अलग-अलग घटनाओं के बीच में नाओमी का अपहरण हो जाता है और इस तरह फिल्म की कहानी बढ़ते हुए गैंगवार, तस्करी और कई सारे उतार चढ़ाव लेकर आती है. दो घंटे छह मिनट की फिल्म के आखिर में कहानी को अंजाम मिलता है.

पटकथा:
फिल्म की कहानी काफी घि‍सी पिटी सी है, जो आपको पुराने जमाने की फिल्मों की याद दिलाती है. डार्क शेड में कहानी चलती रहती है. यूं तो फिल्म 126 मिनट की है, लेकिन पर्दे पर यह लंबी खिंचती नजर आती है. स्क्रिप्ट में विलेन के साथ-साथ और भी कई ऐसे किरदार हैं, जो पूरी तरह से कैश नहीं किए जा सके हैं. निशि‍कांत कामत को कहानी को बहुत ज्यादा काम करने की जरूरत थी. एक्शन के अलावा फिल्म हर मोर्चे पर कमजोर लगती है.

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अभिनय:
फिल्म में श्रुति हासन और छोटी बच्ची दिया ने अच्छा अभिनय किया है, वहीं ताबड़तोड़ एक्शन करते हुए जॉन अब्राहम छाप छोड़ते हैं. जबकि निगेटिव किरदार में डायरेक्टर निशिकांत कामत ने खुद भी ठीक काम किया है.

संगीत:
फिल्म का संगीत रिलीज से पहले ही चार्टबीट्स में जगह बना चुका है. ऐसे में पर्दे पर देखना सुखद लगता है.

कमजोर कड़ी:
फिल्म की कमजोर कड़ी इसकी कहानी है. बहुत ही घीसी-पीटी और ऑउटडेटेड स्टोरी है.

क्यों देखें:
अगर आप जॉन अब्राहम के फैन हैं, तो एक बार इस फिल्म को देखा जा सकता है.

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