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Film review: बदले से बदलाव की कहानी है 'बदलापुर'

'बदला' और भारतीय फिल्मों में बदले का इतिहास बहुत पुराना है. कभी मां और बाप की मौत का बदला, कभी बीवी और बहन के साथ बलात्कार का बदला. कभी दुश्मनों के बीच लड़ाई के साथ बदला तो कभी पुश्तैनी बदले की कहानी! अब 2015 में कुछ ऐसी ही बदले की कहानी लेकर आए हैं डायरेक्टर श्रीराम राघवन.

आरजे आलोक
  • मुंबई,
  • 19 फरवरी 2015,
  • अपडेटेड 1:38 PM IST

फिल्म का नाम: बदलापुर- डोन्ट मिस द बिगिनिंग
डायरेक्टर: श्रीराम राघवन
स्टार कास्ट: वरुण धवन, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, विनय पाठक, हुमा कुरैशी, दिव्या दत्ता, राधिका आप्टे, मुरली शर्मा
अवधि: 134 मिनट
सर्टिफिकेट: A
रेटिंग: 4 स्टार

'बदला' और भारतीय फिल्मों में बदले का इतिहास बहुत पुराना है. कभी मां और बाप की मौत का बदला, कभी बीवी और बहन के साथ बलात्कार का बदला. कभी दुश्मनों के बीच लड़ाई के साथ बदला तो कभी पुश्तैनी बदले की कहानी! हर दशक में बदला लेने की कहानी को डायरेक्टर्स ने अपने-अपने अंदाज में सस्पेंस और ड्रामा के तौर पर पेश किया है. अब 2015 में कुछ ऐसी ही बदले की कहानी लेकर आए हैं डायरेक्टर श्रीराम राघवन.

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कहानी में कितना दम
फिल्म शुरू होने से पहले एक कथन आता है Axe forgets But Tree Remembers यानी कुल्हाड़ी तो भूल जाती है, लेकिन पेड़ को याद रहता है कि उसको किसने काटा था. इस एक शुरुआती कथन से ही बदले का माहौल बनाने की कोशिश की है डायरेक्टर श्रीराम राघवन ने.

'बदलापुर', कहानी है रघु (वरुण धवन) की, जो एक एड एजेंसी में काम करता है. उसका एक हंसता-खेलता परिवार है. लेकिन एक बैंक में चोरी के दौरान कुछ ऐसा वाकया होता है, जिसकी वजह से उसकी बीवी मिशा (यामी गौतम) और बेटे की मौत हो जाती है. चोरी के जुर्म में पुलिस के हाथ आता है लायक (नवाजुद्दीन सिद्दीकी). अब यहां से कहानी अगले पड़ाव पर जाती है. रघु के मन में बार-बार बीवी और बच्चे की तस्वीरें चलती रहती है और वह बदला लेने की तड़प बढ़ती जाती है. बदला लेने के लिए रघु को लगभग 15 साल इंतजार भी करना होता है. फिर अलग-अलग तरीके से बदला लिया जाता है. आखि‍रकार एक बहुत बड़ा निष्कर्ष सामने आता है. अगर आप यह फिल्म देखने जा रहे हैं तो ध्यान रखें कि इसकी शुरुआत ना छूटने पाए.

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क्यों देखें बदले की कहानी
फिल्म का हर किरदार आपको सोचने पर विवश करता है. रघु के रूप में वरुण धवन का अलग ही फ्लेवर दर्शकों के सामने है. वह अब तक हंसी-मजाक करते नजर आते थे, लेकिन उनका यह रूप सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला होगा. वरुण ने फिल्म में दो अलग-अलग उम्र को निभाया है.

फिल्म की एक्ट्रेस में झिमली के रूप में हुमा कुरैशी हो या कंचन उर्फ कोको के रूप में राधिका आप्टे. समाज सेवी के किरदार में दिव्या दत्ता हो या रघु की पत्नी के रूप में यामी गौतम. सभी हसीन लगी हैं.

फिल्म में एक ऐसा किरदार भी है, जिसके पर्दे पर आने का आपको इंतजार रहता है. 'लायक' को जिस हरफनमौला अंदाज में नवाजुद्दीन ने निभाया है वह आपको फिल्म देखने के घंटों बाद भी याद रखने पर मजबूर कर देता है.

'बदलापुर' की कास्टिंग, लिखावट और निर्देशन तीनों की भूमिका में श्रीराम राघवन ने अपनी छाप छोड़ी है. कहना गलत नहीं होगा कि इस फिल्म से उन्होंने 'एजेंट विनोद' की नाकामयाबी का बदला लिया है.

फिल्म की एक और खासियत है इसके गाने. खास बात यह है कि फिल्म का कोई भी गाना इसकी गति को धीमा नहीं करता.

क्यों ना देखें
'बदलापुर' एक एडल्ट फिल्म है. हिंसक है. यानी अगर आप वयस्क नहीं हैं तो ये फिल्म आपको बिल्कुल नहीं देखनी चाहिए.

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