
फिल्म का नाम: सिंह इज ब्लिंग
डायरेक्टर: प्रभु देवा
स्टार कास्ट: अक्षय कुमार, एमी जैक्सन, लारा दत्ता भूपति, के के मेनन, रति अग्निहोत्री, योगराज सिंह
अवधि: 141 मिनट
सर्टिफिकेट: U/A
रेटिंग: 3 स्टार
साल 2012 में अक्षय कुमार और प्रभु देवा ने एक साथ मिलकर 'राउडी राठौड़' फिल्म की थी जिसने भरपूर कमाई की और अब लगभग तीन साल बाद दोनों एक बार फिर से इन दोनों ने साथ मिलकर 'सिंह इज ब्लिंग' बनाई है. अब क्या एक बार फिर से यह जोड़ी, एक कामयाब फिल्म बना पाई है, आइए फिल्म की समीक्षा करते हैं.
कहानी
पंजाब का रहने वाला रफ्तार सिंह (अक्षय कुमार) अपनी मां (रति अग्निहोत्री) का लाडला है लेकिन लेकिन अपने पिता (योगराज सिंह) से काफी दूर रहता है. रफ्तार अपनी धुन में मस्त और
जिम्मेदारियों से दूर भागता रहता है. एक दिन रफ्तार के पिता ने उसे गोवा जाकर अपने दोस्त के पास नौकरी करने को कहा जिससे की वो ज्यादा जिम्मेदार हो सके. रफ्तार गोआ जाता है और
अपने बॉस को इम्प्रेस करने के साथ-साथ सारा (एमी जैक्सन) से मुलाकात करता है. अब रफ्तार को सारा से प्यार हो जाता है लेकिन प्रॉब्लम एक ही है, रफ्तार को इंग्लिश नहीं आती और सारा
हिंदी बोल और समझ नहीं सकती. इसलिए रफ्तार ने सारा की बातों को समझने के लिए एक ट्रांसलेटर एमिली (लारा दत्ता भूपति) को रख लिया लेकिन एमिली हमेशा गलत अनुवाद करके
दोनों को कंफ्यूज करती रहती है. फिर रफ्तार को पता चलता है की सारा वो नहीं है जो उसे रफ्तार समझता है और सारा किसी खास मकसद से गोवा आई हुई है. फिर सारा के पीछे पीछे
रफ्तार सिंह रोमानिया तक चला जाता है और आखिरकार फिल्म को अंजाम मिलता है.
स्क्रिप्ट
फिल्म की कहानी पुरानी लेकिन स्टाइल नया है, मसाला बनाकर परोसने की कोशिश की गई है. स्क्रिप्ट कब कहां और कैसे बिखरती जाती है, इसका इल्म बहुत देर से होता है लेकिन हंसी
मजाक भरपूर है. फिल्म में आपको शुरुआत में थोड़ा फ्लेवर 'सिंह इज किंग' का भी मिलता है. गांव का पंजाबी लड़का जो जिम्मेदारियों से भागता रहता है और आखिर में 'नमस्ते लंदन' का
फ्लेवर भी मिलता है. प्रभु देवा ने पंजाब, गोवा और रोमानिया को बेहतरीन तरह से दर्शाया है. पंजाब के खेत, गोवा के बीच और रोमानिया की सुंदरता बेहद खास है.
अभिनय
पंजाबी के किरदार में अक्षय ने बेहतरीन एक्टिंग की है. जो आपको हंसाता है और कभी कुछ अहम बातें भी बता जाता है, वहीं लारा दत्ता भूपति की एंट्री में कहीं-कहीं आपके चेहरे पर मुस्कान
भी आती है. एक्शन स्टंट करती हुई एमी जैक्सन का काम भी सराहनीय है, के के मेनन का रोल उतना बड़ा तो नहीं लेकिन उम्दा है. के के मेनन का एक तकिया कलाम है जो आपको याद रह
जाता है.
संगीत
फिल्म में जब अक्षय कुमार की एंट्री होती है तो 'टूंग टूंग' गीत आता है लेकिन जैसे जैसे फिल्म आगे बढ़ती है तो इसमें टिपिकल अक्षय कुमार की फिल्मों वाली स्टाइल में गानों का तड़का रखा
गया है और प्रभु देवा के डायरेक्शन में अनोखे स्टेप्स भी देखने को मिलते हैं.
कमजोर कड़ी
फिल्म का पहला हिस्सा काफी उम्दा है लेकिन इंटरवल के बाद के कुछ भाग थोड़े कमजोर हैं. रफ्तार का पंजाब से गोवा, गोवा से रोमानिया जाना भी जज्ब नहीं होता. सेकेंड हाफ और बेहतर
किया जा सकता था.
क्यों देखें
अगर आप अक्षय कुमार के फैन हैं, प्रभु देवा की स्टाइल के कायल हैं, तो यह फिल्म जरूर देखें. पैसा वसूल फिल्म है.