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जेटली ने नोटंबदी पर मीडिया को लताड़ा, बोले- देश के साथ नहीं बदले पत्रकार

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने नोटबंदी के फैसले को देशहित में उठाया गया जरूरी कदम बताया है. वे कहते हैं कि देश के बदलने की रफ्तार से नहीं बदल रही मीडिया की रिपोर्टिंग.

वित्त मंत्री अरुण जेटली वित्त मंत्री अरुण जेटली
विष्णु नारायण
  • नई दिल्ली,
  • 02 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 12:44 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी के फैसले और उस पर होने वाली रिपोर्टिंग को लेकर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मीडिया और राजनेताओं पर निशाना साधा. वे बीते गुरुवार 'मेक इन ओडिशा' कॉन्क्लेव में कहा कि देश के पत्रकार हर परिस्थिति का सिर्फ स्याह पक्ष देखते हुए उन फैसलों से होने वाले सामाजिक व आर्थिक पक्ष पर ध्यान नहीं देते. उन्होंने कहा कि देश की बदलने की रफ्तार के साथ पत्रकार नहीं बदल रहे हैं. इसके अलावा वे इन फैसलों के लागू होने वाली दिक्कतों पर भी ध्यान नहीं देते.

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नोटबंदी को बताया गेमचेंजर
वित्त मंत्री अरुण जेटली नोटबंदी को लेकर जारी संशय को भी खारिज करते हैं. वे कहते हैं कि बड़े नोटों की बंदी और आगामी 1 अप्रैल से गुड्स एंड सर्विस टैक्स का हटना देशहित में लिया गया बड़ा फैसला है. यह दोनों फैसले पूरे खेल को बदल कर रख देंगे. ऐसे में इस फैसले के खिलाफ खड़े राज्यों में निवेश की संभावना को धक्का लगेगा. वे 17 सितंबर 2017 तक गुड्स एंड सर्विस टैक्स को लागू करना संवैधानिक अनिवार्यता बताते हैं.


इकोनॉमी और जीडीपी होगी मजबूत
नोटबंदी पर हो रहे होहल्ला पर वे कहते हैं कि जहां तक पुराने नोटों के बदले जाने का मामला है. नोटबंदी की प्रक्रिया के खत्म हो जाने के बाद इकोनॉमी अपनी रफ्तार में चलने लगेगी. टैक्स बेस में बढ़ोत्तरी होगी और जीडीपी में भी सकारात्मक बदलाव आएंगे. वे अंत में कहते हैं कि बैंकों में आने वाले पैसे इकोनॉमी की बेहतरी के लिए इस्तेमाल किए जा सकेंगे. वे कहते हैं कि देश में व्यापार और धंधे में इजाफा देखने को मिलेगा लेकिन कागजी रुपये का प्रचलन कम हो जाएगा.

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