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जीएसटी परिषद ने ई-वे बिल लागू करने को मंजूरी दी

सूत्र ने कहा कि ई-वे बिल सामानों के राज्यान्तरिक आवागमन के लिए ई-वे बिल की व्यवस्था एक जून से लागू अनिवार्य होगी. हालांकि, राज्य के भीतर वस्तुओं की आवाजाही के लिए ई-वे बिल व्यवस्था चरणबद्ध तरीके से फरवरी से शुरू होगी.

वित्त मंत्री अरुण जेटली वित्त मंत्री अरुण जेटली
केशवानंद धर दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 16 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 5:19 PM IST

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने शनिवार को वस्तुओं को एक राज्य से दूसरे राज्य ले जाने के लिए ई-वे बिल व्यवस्था को एक फरवरी से लागू करने की मंजूरी दे दी. कुछ राज्य स्वैच्छिक आधार पर एक फरवरी से दोनों अंतर्राज्यीय और राज्यान्तरिक ई-वे बिल को लागू कर सकते हैं. ई-वे बिल व्यवस्था 15 जनवरी से उपलब्ध होगी.

सूत्र ने कहा कि ई-वे बिल सामानों के राज्यान्तरिक आवागमन के लिए ई-वे बिल की व्यवस्था एक जून से लागू अनिवार्य होगी. हालांकि, राज्य के भीतर वस्तुओं की आवाजाही के लिए ई-वे बिल व्यवस्था चरणबद्ध तरीके से फरवरी से शुरू होगी.

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बता दें कि वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद की 24 वीं बैठक में ये निर्णय लिया गया. 50,000 रुपये से अधिक की कीमत के सामान के लिए ई-वे बिल आवश्यक है जब माल किसी राज्य में 10 किमी से कम के लिए पहुंचाया जाता है, तो आपूर्तिकर्ता या ट्रांसपोर्टर को जीएसटी पोर्टल पर विवरण नहीं प्रस्तुत करना चाहिए.

जीएसटी व्यवस्था में ई-वे बिल की शुरुआत कर चोरी रोकने के लिये की गई है. अक्टूबर में कर वसूली में गिरावट को लेकर कर चोरी को सरकार ने एक बड़ी वजह बताया है. अक्टूबर में जीएसटी के तहत राजस्व प्राप्ति 83,346 करोड़ रुपये रही है जो कि एक जुलाई को इसके अमल में आने के बाद सबसे कम रही है. सितंबर में राजस्व प्राप्ति 95,131 करोड़ रुपये रही उसके मुकाबले अक्टूबर में यह काफी कम रही.

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