Advertisement

निर्यात दूर करेगा आर्थिक सुस्ती? दुबई-चीन की तर्ज पर मोदी सरकार का प्लान

देश को आर्थिक सुस्‍ती के माहौल से निकालने के लिए सरकार एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है. यही वजह है कि हर साल मेगा शॉपिंग फेस्टिवल और बंदरगाहों पर गुड्स की क्लियरिंग में तेजी लाने की पहल की गई है. 

एक्‍सपोर्ट के लिए सरकार ने उठाए बड़े कदम एक्‍सपोर्ट के लिए सरकार ने उठाए बड़े कदम
दीपक कुमार
  • नई दिल्‍ली,
  • 14 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 6:07 PM IST

  • दुबई की तरह हर साल मेगा शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन
  • चीन और अमेरिका जैसे बंदरगाहों पर गुड्स की क्लियरिंग में तेजी

बीते कुछ महीनों से देश की इकोनॉमी की रफ्तार सुस्‍त पड़ गई है. इस सुस्‍ती को दूर करने के लिए सरकार एक्‍सपोर्ट यानी निर्यात को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है. इसी के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में कई बड़े ऐलान किए. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ खास बातों के बारे में...

Advertisement

हर साल मेगा शॉपिंग फेस्टिवल  

अब सरकार हर साल मेगा शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन करेगी. निर्मला सीतारमण के मुताबिक मार्च 2020 से इस फेस्टिवल का आयोजन देश के 4 शहरों में किया जाएगा. ये शॉपिंग फेस्टिवल जेम्स एंड ज्वेलरी, योगा एवं टूरिज्म, टैक्सटाइल एवं लेदर क्षेत्र से जुड़े होंगे. आसान भाषा में समझें तो यह हर साल आयोजित होने वाले दिल्‍ली के प्रगति मैदान के ट्रेड फेयर की तरह होगा. हालांकि, इसका दायरा बड़ा होगा. मेगा शॉपिंग फेस्टिवल का आयोजन दुबई जैसे शहरों में होता है.   

बंदरगाहों पर गुड्स की क्लियरिंग में तेजी

सरकार की ओर से एक्सपोर्ट में लगने वाले समय को कम करने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे. मतलब यह कि एक्‍सपोर्ट के वक्‍त जो बंदरगाहों पर जो प्रक्रिया अपनाई जाती है उसे आसान किया जाएगा. निर्मला सीतारमण ने बताया कि अभी देश के बंदरगाहों पर गुड्स की क्लियरिंग में काफी समय लगता है. इसे कम करने के उपाए किए जाएंगे. उन्‍होंने अमेरिका और चीन का उदाहरण देते हुए कहा कि यहां पोर्ट पर क्‍लियरेंस में 1 दिन से भी कम का समय लगता है जबकि हमारे देश में क्लियरेंस में 1 दिन से ज्यादा लग जाते हैं.

Advertisement

2020 में RoDTEP स्‍कीम लॉन्‍च

एक्‍सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने निर्यात उत्पादों पर शुल्कों और करों की छूट (RoDTEP) स्‍कीम लॉन्‍च करने का ऐलान किया है. इस स्‍कीम से खजाने पर अनुमानित 50,000 करोड़ रुपये का बोझ आने का अनुमान है. RoDTEP स्कीम 1 जनवरी 2020 से पहले की मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट्स फ्रॉम इंडिया स्कीम (MEIS) का स्थान लेगी. MEIS के तहत सरकार प्रोडक्ट और देश के आधार पर शुल्क पर लाभ उपलब्ध कराती रही है. सरकार ने यह घोषणा ऐसे समय की है जब भारत से वाणिज्यिक वस्तुओं का एक्‍सपोर्ट अगस्त में एक साल पहले की तुलना में 6 फीसदी से ज्‍यादा नीचे आ गया है.

ई-रिफंड जल्‍द लागू

निर्मला सीतारमण ने बताया कि एक्‍सपोर्ट में ई-रिफंड जल्‍द लागू होगा. इसके साथ ही एक्सपोर्ट क्रेडिट इंश्योरेंस स्कीम  (ECGC) निर्यात ऋण बीमा योजना का दायरा बढ़ाएगा.  इस कदम से सरकार पर सालाना 1,700 करोड़ रुपये का बोझ आएगा. प्राथमिकता वाले सेक्टर के तहत एक्सपोर्ट क्रेडिट के लिए 36,000 करोड़ से 68,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त जारी किए जाएंगे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement