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भारतीय हेलीकॉप्टर सौदे में भ्रष्टाचार को लेकर फिनमेकानिका के पूर्व प्रमुख को साढ़े चार साल जेल

ओर्सी और स्पागनोलीनी दोनों पर अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार और भारत के साथ अनुबंध में करीब 4,250 करोड़ रुपये के रिश्वत के लेने-देन के सिलसिले में फर्जी बिल बनाने का आरोप है.

फिनमेकानिका हेलीकॉप्टर की अनुषंगी कंपनी है अगस्ता वेस्टलैंड फिनमेकानिका हेलीकॉप्टर की अनुषंगी कंपनी है अगस्ता वेस्टलैंड
स्‍वपनल सोनल/BHASHA
  • मिलान/नई दिल्ली,
  • 08 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 6:46 PM IST

भारत को वीवीआईपी हेलीकॉप्टर बिक्री में गलत ‘अकाउंटिंग’ और भ्रष्टाचार करने को लेकर फिनमेकानिका के पूर्व प्रमुख गुसेप ओर्सी को साढ़े चार साल कैद की सजा सुनाई गई है. इतालवी रक्षा एवं एयरोस्पेस कंपनी ने 3,600 करोड़ रुपये में 12 चॉपर की डील की थी, जिसमें भ्रष्टाचार को लेकर मिलान की अपीलीय अदालत ने 2014 के पिछले अदालती आदेश को पलट दिया.

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आदेश में फिनमेकानिका हेलीकॉप्टर की अनुषंगी कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ बुर्नो स्पागनोलीनी को गुरुवार को अदालत ने चार साल की कैद की सजा सुनाई थी. इतालवी समाचार एजेंसी एएनएसए की खबर के मुताबिक अदालत ने भारत सरकार को 12 हेलीकॉप्टरों की बिक्री में भी दोनों को दोषी पाया और ओर्सी को साढ़े चार साल की कैद की सजा सुनाई.

छह साल कैद का किया था अनुरोध
अभियोजकों ने ओर्सी और स्पागनोलीनी के लिए छह साल की कैद की सजा का अनुरोध किया था. इस आदेश से इतालवी कंपनी के लिए एक तगड़ा झटका लगा है, जो भ्रष्टाचार कांड को पीछे छोड़ने में कुछ कामयाब रही है. कंपनी की छवि दुनिया भर में धूमिल हुई.

हालांकि, फिनमेकानिका ने आदेश पर कुछ भी कहने से इनकार करते हुए कहा कि यह पूर्व अधिकारियों से संबद्ध है पर कंपनी अधिकारियों ने बताया कि कंपनी पूरी तरह से बदल गई है. एक अधिकारी ने बताया, 'कंपनी में काफी बदलाव हुआ है और यह उस वक्त से पूरी तरह से बदल गया है जब पहली बार आरोप लगे थे. फिनमेकानिका अब एक अलग कंपनी है.'

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ओर्सी और स्पागनोलीनी दोनों पर अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार और भारत के साथ अनुबंध में करीब 4,250 करोड़ रुपये के रिश्वत के लेने-देन के सिलसिले में फर्जी बिल बनाने का आरोप है.

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