
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में रविवार को पुलिस लाइन में नजारा कुछ अलग दिखा. जब कई दर्जन नए रंगरूट पुलिसकर्मी 'दंगाई' बन गए और उन्होंने पुलिस अधिकारियों, पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
दरअसल, यह नजारा फिरोजाबाद में दंगा नियंत्रण करने के लिए पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की गई मॉक ड्रिल था. इस मॉक ड्रिल में कई दर्जन पुलिसकर्मी दंगाई बने और उन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने दिखावटी बल का प्रयोग भी किया. इसमें दिखावटी तौर पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए और फायर ब्रिगेड से पानी की बौछार की गई.
गौरतलब है कि अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला था. इसे लेकर कांच की नगरी में भी हलचल तेज थी और किसी अप्रिया घटना को तत्काल रोकने के लिए पुलिस, जिला प्रशासन ने 8 अक्टबर को पुलिस लाइन की परेड ग्राउंड में मॉक ड्रिल किया. मॉक ड्रिल में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को दंगा जैसे हालात से निपटने की ट्रेनिंग दी गई.
वैसे तो कांच नगरी फिरोजाबाद में कई दशकों से सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ है. यहां पर कांच की चूड़ियों का जो कारोबार होता है उसमें हिंदू-मुस्लिम कारीगर मिलजुलकर काम करते हैं. सभी को पता है कि जब भी कोई सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ेगा तो धंधा सर्वाधिक प्रभावित होगा. इसीलिए लोग यहां किसी भी हालत में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने नहीं चाहते.
लगभग 30 फीसदी आबादी मुस्लिम समाज की है. फिर भी कोई विवाद नहीं होता, लेकिन अब सोशल मीडिया के आ जाने से लोगों में इस बात का डर तो है कि कहीं कोई बाहरी तत्व यहां की फिजा न बिगाड़ दे. इसे लेकर पुलिस भी काफी सतर्क है.
फिरोजाबाद के पुलिस अधीक्षक प्रबल प्रताप सिंह ने कहा कि अयोध्या फैसले के मद्देनजर मॉक ड्रिल किया गया. इसमें पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया कि आपात स्थिति में किस तरह से निर्णय लेना है और किन किन नियमों का पालन करते हुए दंगाइयों पर काबू पाना है. इसमें सभी एसडीएम और अधिकारी मौजूद रहे.