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ओलंपिक के वो खास मौके, जब खिलाड़ियों ने बढ़ाई तिरंगे की शान

रियो ओलंपिक 2016 का आगाज होने में कुछ ही दिन बाकी रह गए है. जानें ओलंपिक में पदक जीतकर देश की शान बढ़ाने वाले चुनिंदा खिलाडि़यों के बारे में.

खिलाड़ियों ने तिरंगे की शान बढ़ाई खिलाड़ियों ने तिरंगे की शान बढ़ाई

रियो ओलंपिक 2016 का आगाज होने में कुछ ही दिन बाकी रह गए है. जानें ओलंपिक में पदक जीतकर देश की शान बढ़ाने वाले चुनिंदा खिलाडि़यों के बारे में.

भारत में पैदा हुआ पहला खिलाड़ी और विजेता
नॉर्मन गिल्बर्ट प्रिटचार्ड

एथलेटिक (2 सिल्वर, 1900)
कलकत्ता स्थित ब्रिटिश माता-पिता के घर पैदा हुए प्रिटचार्ड ओलंपिक मेडल जीतने वाले ऐसे पहले खिलाड़ी थे, जो किसी एशियाई मुल्क़ का प्रति‌निधित्व कर रहे थे. बाद में नॉर्मन ट्रेवर के नए नाम के साथ वो हॉलीवुड में स्टार बने.

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पहला एकल मेडल
खशाबा दादासाहेब जाधव

रेसलिंग (ब्रॉन्ज़, 1952)
आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि आज से 64 साल पहले भारत को ओलंपिक में पदक दिलाने वाले जाधव इकलौते ओलंपिक मेडल विजेता हैं, जिन्हें पद्म अवॉर्ड से नहीं नवाज़ा गया, क्योंकि सरकारी नियमों के मुताबिक ये मरणोपरांत नहीं दिया जा सकता.


पहला गोल्ड मेडल
फील्ड हॉकी टीम

हॉकी (1928)
11 मेडल के साथ भारतीय हॉकी टीम ओलंपिक में कामयाबी का स्वाद चखने के मामले में सबसे आगे है. साल 1928 से 1980 के बीच टीम ने 8 गोल्ड मेडल जीते. उस दौर में देश के लिए जीते गए ये इकलौते मेडल थे.

पहली महिला मेडल विजेता
कर्णम मल्लेश्वरी

वेटलिफ्टिंग (ब्रॉन्ज़, 2000)
साल 2000 के सिडनी ओलंपिक में भारत की इकलौती पदक विजेता कर्णम ने 113 किलोग्राम के रिकॉर्ड के साथ चीन में वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग टाइटल जीता था. उनका ये प्रदर्शन भारतीय इतिहास में बेहद ख़ास है, जिसने महिला खिलाड़ियों के प्रति नज़रिया ही बदल दिया

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पहला एकल गोल्ड मेडल
अभिनव बिंद्रा

शूटिंग (2008)
निशाना लगाते वक्‍़त और ओलंपिक गोल्ड जीतकर इतिहास रचने के बाद अभिनव के चेहरे पर कोई ख़ास फर्क नज़र नहीं आया. यही उनकी कामयाबी का राज़ रहा, संयम और शालीनता. वो एकल ओलंपिक गोल्ड जीतने वाले देश के इकलौते खिलाड़ी हैं.

दो पदक जीतने वाला पहला खिलाड़ी
सुशील कुमार

रेसलर (ब्रॉन्ज, 2008 और सिल्वर, 2012)
66 किलोग्राम वज़न श्रेणी में लड़ने वाले सुशील कुमार इस बार ये कैटेगरी ख़त्म होने की वजह से ओलंपिक नहीं जा पा रहे, वरना एक गोल्ड मेडल ले आते. 74 किलोग्राम में दावा ठोंका, लेकिन नरसिंह यादव के ओलंपिक कोटे ने उनका सपना तोड़ दिया. बाद में नरसिंह खुद भी डोप में फंस गए

टेनिस में पहला मेडल
लिएंडर पेस

ब्रॉन्ज़ (1996)
जब लिएंडर पेस ने इतिहास रचा, तो 46 साल बाद किसी भारतीय ने एकल प्रतियोगिता में ओलंपिक मेडल तक पहुंचने का कारनामा दिखाया था. इसके बाद भारतीय दल ने हर ओलंपिक में कम से कम एक मेडल अपने नाम ज़रूर किया.

बॉक्सिंग में पहला मेडल
विजेंदर सिंह और मैरी कॉम

ब्रॉन्ज़ (2008 और 2012)
विजेंदर सिंह ने बीजिंग, 2008 में बॉक्सिंग में भारत को पहला मेडल दिलाया, जबकि मैरी कॉम लंदन में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बॉक्सर बनीं. हालांकि, ये दुर्भाग्य है कि इस बार के ओलंपिक में ये दोनों ही नज़र नहीं आ रहे.

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बैडमिंटन में पहला मेडल
सायना नेहवाल

ब्रॉन्ज़ (2012)
सायना प्रकाश पादुकोण के बाद पहली भारतीय और पहली भारतीय महिला हैं, जो दुनिया की नंबर 1 बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं. सुपर सीरीज़ टूर्नामेंट जीतने वाली वो पहली भारतीय भी हैं. इस बार भी रियो ओलंपिक में उनसे मेडल की उम्‍मीद है.

सौजन्‍य: NEWSFLICKS

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