
भारतीय रेल की एक टीम इस समय चीन में है और वह 1,754 किलोमीटर लंबे दिल्ली-चेन्नई रेल मार्ग पर बुलेट ट्रेन चलाने की संभावनाएं तलाश रही है. यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बुलेट ट्रेन मार्ग होगा.
रेल विकास निगम के सतीश अग्निहोत्री के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय टीम चीन के तेज गति रेल निगम के अधिकारियों से बातचीत कर रही है ताकि दिल्ली-चेन्नई कोरिडोर पर काम हो सके. ध्यान रहे कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने भारत दौरे के दौरान इस रेल मार्ग की संभावनाओं की स्टडी मुफ्त में करवाने का वादा किया था.
बन जाने पर यह रेल मार्ग दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बुलेट रेल मार्ग होगा. चीन की 2,298 किलोमीटर लंबी पेइचिंग-गुआनछू इस समय दुनिया की सबसे बड़ी बुलेट ट्रेन लाइन है. इस पर ट्रेन 300 किलोमीटर की रफ्तार से चलती है और यह दूरी आठ घंटे में तय करती है.
दिल्ली-चेन्नै हाई स्पीड रेल मार्ग पर 32.6 अरब डॉलर की लागत आएगी.
अभी भारत दो हाई स्पीड ट्रेन चलाने पर विचार कर रहा है. जहां जापान मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की संभावना का अध्ययन करवा रहा है वहीं चीन दिल्ली-चेन्नई मार्ग पर. इस पर सर्वेक्षण का काम अगले साल शुरू हो जाएगा.
इस करार के मुताबिक चीन भारतीय रेल के 100 कर्मचारियों को ट्रेनिंग देगा. इसके अलावा भी वह भारतीय स्टेशनों के पुनर्विकास का काम करेगा तथा एक रेलवे यूनिवर्सिटी बनाने में भी मदद देगा. ट्रेनिंग का काम शीघ्र ही शुरू होगा.
इस समय राजधानी एक्सप्रेस दिल्ली-चेन्नै मार्ग की दूरी 28 घंटे में पूरी करती है लेकिन बुलेट ट्रेन शुरू हो जाने के बाद यह दूरी महज छह घंटे में पूरी की जाएगी.
वर्तमान सरकार की योजना चार महानगरों में बुलेट ट्रेन चलाने की है. इसके लिए वह चीन की मदद चाहती है. चीन ने 2013 तक एक लाख किलोमीटर रेल लाइनें बिछा दी हैं जिसमें 10,000 किलोमीटर तेज रफ्तार गाड़ियों के लिए है.
- इनपुट PTI