
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार तीनों सेनाओं की संयुक्त कमांडर कॉन्फ्रेंस को इंडियन मिलिट्री एकेडमी यानी आईएमए देहरादून में संबोधित करेंगे. पीएम मोदी 21 जनवरी को तीनों सेनाओं के वरिष्ठ कमांडरों और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. इस बार की कॉन्फ्रेंस में तीनों सेनाओं के नए सेनापति सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत , वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीएस धनोवा और नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा शामिल होंगे.
सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के साथ संबंध, जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा हालात, समुद्री सरहद पर चीन के साथ संबंध और सेनाओं का आधुनिकीकरण जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी. पाकिस्तान से लगने वाली सरहद पर सेना की चुनौती लगातार बढ़ रही है.
हाल ही में सेना प्रमुख की नियुक्ति के दौरान दो वरिष्ठ जनरल की जगह जनरल बिपिन रावत को सेना प्रमुख बनाए जाने के बाद पहली बार सभी आर्मी कमांडर पीएम के आमने सामने होंगे. लंबे समय से सेनाओं में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनाने की योजना पर भी बात साफ हो सकती है. संयुक्त कॉन्फेंस में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और रक्षा सचिव जी मोहन कुमार भी मौजूद रहेंगे.
अक्टूबर 2014 में पहली संयुक्त कॉन्फेंस को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सलाह दी थी कि कमांडर कॉन्फेंस दिल्ली के अलावा सरहद पर फॉरवर्ड पोस्ट और समंदर में भी होनी चाहिए. इसी का नतीजा था कि दिसंबर 2015 में कमांडर कॉन्फेंस नौसना के विमान वाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य में हुई. जबकि साल 2016 में रक्षा मंत्रालय ने कमांडर कॉन्फेंस के लिए चीन लगने वाली सरहद गंगटोक को चुना था लेकिन पीएम मोदी इसके लिए समय नहीं दे पाए. कई सालों के बाद ऐसा पहली बार हुआ जब पिछले साल कंबाइंड कमांडर कॉन्फेंस नहीं हो पाई.