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क्रूड ऑयल समेत इन 5 मुद्दों पर 2018 में लुढ़क सकता है शेयर बाजार

एसोचैम रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक पटल पर होने वाली एक अथवा कई घटनों का भारत और चीन सहित दुनिया के उभरते बाजारों पर असर पड़ सकता है. रिपोर्ट की खास बात यह है कि इन चुनौतियों के चलते वैश्विक बाजारों में भी उठापटक देखने को मिल सकती है.

खतरनाक स्तर पर सेंसेक्स और निफ्टी? खतरनाक स्तर पर सेंसेक्स और निफ्टी?
राहुल मिश्र
  • मुंबई,
  • 15 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 1:32 PM IST

देश के प्रमुख इंडस्ट्री एसोसिएशन एसोचैन के मुताबिक 2018 में भारतीय शेयर बाजार के सामने कई कड़ी चुनौतियां मौजूद हैं जिसके असर से आने वाले एक साल के दौरान बाजार में 2017 की अपेक्षा ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. एसोचैम की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया के प्रमुख देशों के केन्द्रीय बैंकों द्वारा अपनी मौद्रिक नीति को अधिक सख्त बनाने और विश्व बाजार में क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमत बाजार के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.

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एसोचैम रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक पटल पर होने वाली एक अथवा कई घटनों का भारत और चीन सहित दुनिया के उभरते बाजारों पर असर पड़ सकता है. रिपोर्ट की खास बात यह है कि इन चुनौतियों के चलते वैश्विक बाजारों में भी उठापटक देखने को मिल सकती है.

दुनिया के कई केन्द्रीय बैंक अपनी मौद्रिक नीति को सख्त बना रहे हैं. कच्चे तेल के दाम बढ़ रहे हैं और उनका आयातक देशों के आर्थिक संतुलन पर असर पड़ सकता है. भू-राजनीतिक जोखिम सहित कुछ अन्य दबाव भी हैं जिनका भारत, चीन में काफी ऊपर चढ़े चुके शेयर बाजारों पर असर पड़ सकता है.

दिसंबर में थोक महंगाई पर लगाम, क्रूड ऑयल से परेशानी बरकरार

एसोचैम ने कहा है कि 2018 के शेयर बाजार 2017 के मुकाबले कहीं अलग हो सकते हैं. वर्ष 2017 में 153 प्रारम्भिक सार्वजनिक निगम बाजार में उतरे और उन्होंने 11.6 अरब डालर की पूंजी जुटाई. एसोचैम ने कहा है कि 2018 में भी म्युचूअल फंड की प्रबंधनाधीन संपत्ति निवेशकों के लिये प्राथमिकता बनी रहेगी लेकिन बॉंड बाजार पर मुद्रास्फीति का दबाव दिख सकता है. मुद्रास्फीति बढ़ने से ब्याज दर पर दबाव बढ़ सकता है. रिण बाजार और बैंक जमा की तरफ फिर से झुकाव बढ़ सकता है.

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इसे पढ़ें: बजट 2018: 2014 से 2017 तक यूं बदली भारतीय अर्थव्यवस्था की सूरत

दस्तावेज के मुताबिक जनवरी से दिसंबर 2017 के दौरान घरेलू संस्थागत निवेशकों ने जहां 90,738.31 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की वहीं विदेशी संस्थागत निवेशकों ने इस दौरान भारत से 44,108 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की. एसोचैम के महासचिव डी.एस. रावत ने कहा कि फरवरी शुरू में पेश होने वाले आम बजट, और इसके बाद कई अहम राज्यों में विधानसभा चुनावों को देखते हुये बाजार में उठापटक का दौर रहने की आशंका है.

सेंसेक्स और निफ्टी पर 2018 में होंगे ये 5 दबाव

1. ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमत

2. वैश्विक स्तर पर केन्द्रीय बैंकों द्वारा सख्त नीति

3. भारत समेत चीन के बाजार पर रहेगा दबाव

4. आम बजट का असर

5. इन राज्यों में चुनाव का बाजार पर दबाव

रिकॉर्ड स्तर पर सेंसेक्स और निफ्टी

बंबई शेयर बाजार का मानक सूचकांक हफ्ते के पहले दिन शुरूआती कारोबार में 209 अंक से अधिक की तेजी के साथ 34,801.74 अंक पर पहुंच गया. एशिया के अन्य बाजारों में लाभ के बीच वृहत आर्थिक आंकड़े में सुधार तथा कंपनियों के उत्साहजनक वित्तीय परिणाम से बाजार में तेजी आयी.

तीस शेयरों वाला सूचकांक 209.35 अंक या 0.60 फीसदी की बढ़त के साथ अबतक के रिकार्ड स्तर 34,801.74 अंक पर पहुंच गया. इससे पहले, 12 जनवरी को यह कारोबार के दौरान 34,638.42 के रिकार्ड स्तर पर पहुंचा था. नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 52.15 अंक या 0.48 फीसदी की तेजी के साथ 10,733.40 अंक पर पहुंच गया. इसके साथ यह 12 जनवरी के कारोबार के दौरान 10,690.40 अंक के रिकार्ड स्तर से ऊपर निकल गया.

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