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पढ़े-लिखे और अमीर घराने से थे ढाका के गुनहगार

मॉडर्न ख्यालात के ये लड़के मॉडर्न कपड़े भी पहनते थे. अब ऐसा भी नहीं है कि इनका ब्रेनवॉश मदरसे में हुआ हो. क्योंकि इनमें से किसी ने भी मदरसे में तालीम नहीं ली.

आतंकी निबरस आतंकी निबरस
लव रघुवंशी/शम्स ताहिर खान
  • नई दिल्ली,
  • 05 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 2:36 AM IST

जैसे-जैसे दौर बदल रहा है आतंक का चेहरा भी बदल रहा है. पहले कट्टर धार्मिक लोगों को उकसा कर आतंकवादी बनाया जाता था. उसके बाद कम पढ़े-लिखे लोगों को फांसने की कोशिशें हुईं. फिर तीस साल के ऊपर के नौजवानों पर नजरें गड़ाई गईं. और अब पढ़े-लिखे लड़कों को गुमराह किए जाने की बारी है. ढाका हमले के जिन पांच गुनहगारों का चेहरा सामने आया है वो सभी ना सिर्फ अच्छे और अमीर घराने से हैं बल्कि बड़े-बड़े नामी स्कूल और कॉलेज के पढ़ने वाले हैं.

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निबरस इस्लाम, रोहन इम्तियाज, मीर समी मुबस्सिर, रिपॉन और बिकाश ये नाम ढाका के पांच गुनहगारों के हैं. वो पांच गुनहगार जिन्होंने ढाका के रेस्तरां में शुक्रवार की रात अंधाधुंध गोलियां बरसा कर बीस लोगों को मार डाला था. इनमें से कोई स्कूल से अभी पास आउट हुआ है तो कोई नामचीन कॉलेज से निकला है. कोई फुटबॉल का बेहतरीन खिलाड़ी है तो कोई यारों का यार. एक तो हिंदी फिल्मों का भी दीवाना था और श्रद्धा कपूर का फैन. फिल्में देखना, गाना सुनना, सोशल मीडिया, फेसबुक, व्हाट्सएप वीडियो गेम सारे शौक तो आज के ही नौजनवानों जैसे थे. और बस कुछ महीने पहले तक ये भी आम लड़कों की तरह ही मस्ती कर रहे थे. हंस-खेल रहे थे. मगर फिर अचानक इनके हाथों में एके 47 और हथगोले आ गए. नतीजा पठाखों की जगह धमाके अटखेलियों की जगह गोलियां बरसाने लगे.

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आईएसआईएस से जुड़े थे बच्चे
मॉडर्न ख्यालात के ये लड़के मॉडर्न कपड़े भी पहनते थे. अब ऐसा भी नहीं है कि इनका ब्रेनवॉश मदरसे में हुआ हो. क्योंकि इनमें से किसी ने भी मदरसे में तालीम नहीं ली. बल्कि सभी अच्छे और प्राइवेट स्कूल-कॉलेज में पढ़े. तो अब सवाल ये है कि अच्छे-खासे और अमीर घरानों के ये लड़के आतंकवादी कैसे हो गए? किसने इनके हाथों से किताब लेकर बंदूकें थमा दीं और किताबों के बस्ते में बारूद भर दी? आईएसआईएस के झंडे के साथ इनकी तस्वीरें हैं, जो गवाह है कि ये सभी आईएसआईएस से जुड़े थे और बगदादी ही इनका लीडर था.

दोस्तों ने पहचान लिया

ढाका हमले के बाद जब तक इन पांचों आतंकवादियों की तस्वीरें अखबार और टीवी पर नहीं आईं तब तक इनकी पहचान तक नहीं हो पा रही थी. मगर फिर तस्वीर देखते ही खुद इनके दोस्त हैरान रह गए. छह महीने और साल भर तक सब साथ पढ़े थे. दोस्तों के साथ-साथ घरवालों को भी पहली बार अखबार और टीवी से ही पता चला कि उनके घरों का चिराग आतंक का हाथ पकड़कर दूसरों के घरों का चिराग बुझाने निकल पड़ा था.

 

जनवरी और फरवरी में घर से भागे आतंकी
ढाका हमले के जिम्मेदार आईएसआईएस समर्थक इन पांचों आतंकवादियों के साथ एक खास बात जुड़ी है. और वो ये कि ये पांचों इसी साल जनवरी और फरवरी के बीच अचानक अपने-अपने घरों से गायब हो गए. इस दौरान पिछले छह महीनों में इनका कोई सुराग नहीं मिला. और फिर सभी पांचों एक साथ अचानक शुक्रवार की रात ढाका के रेस्तरां में पहुंचते हैं और बीस लोगों की जान ले लेते हैं. गायब होने से पहले इनमें से एक तो स्कूल के इम्तेहान की तैयारी के सिलसिले में कोचिंग से घर लौट रहा था.

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नामचीन यूनिवर्सिटी में पढ़ा आतंकी
बांग्लादेश के सबसे कम उम्र के आतंकवादियों में से एक निबरस इस्लाम का एक वीडियो फेसबुक पर उसी ने अपलोड किया था. ये वीडियो आठ अक्तूबर 2015 के बाद की हैं. इस वीडियो में निबरस अपने कॉलेज के एक दोस्त से कुछ कह रहा है. निबरस बांग्लादेश के चिटगांव के एक अमीर खानदान का बेटा था. बांग्लादेश के नामचीन इंटरनेशनल ट्रर्किश होप स्कूल, फिर ढाका के मशहूर नॉर्थ साउथ यूनिवर्सिटी और उसके बाद मलेशिया के मोनाश यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की.

बॉलीवुड फिल्मों का दीवाना
फुटबॉल का बेहतरीन खिलाड़ी निबरस बॉलीवुड फिल्मों का भी शौकीन था. लेकिन फिर इस्लाम के नाम पर आतंकवादियों ने इसका ऐसा ब्रेनवॉश किया कि फैशन परस्त मस्त मौला निरबस अचानक अपनी सोच और हुलिया दोनों बदल लेता है. अब वो आईएस के झंड़े के आगे राइफल उठा कर फोटो खिंचवा रहा होता है.

शुक्रवार से पहले तक खुद निबरस के घर वालों को उसकी असलीयत का अंदाजा नहीं था. दरअसल इसी साल जनवरी से निरबस बिना घर वालों को कुछ बताए गायब हो गया था. उसके बाद वो आखिरी बार ढाका के रास्तरां में ही नजर आया. शक है कि इस दौरान निबरस ट्रेनिंग ले रहा था.

फरवरी से लापता निबरस
निबरस के अलावा उसके बाकी साथियों में से इस दूसरे आतंकी की पहचान मीर समी मुबस्सिर के तौर पर हुई है. मीर तो अभी बस 11वीं क्लास में हीं पढ़ रहा था. वो भी शहर के मशहूर सनीडेल स्कूल में. बेहद अमीर और पढ़े-लिखे खानदान से आने वाला मीर 29 फरवरी से लापता था. उसके घर वालों ने अगले ही रोज उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी लिखाई थी. रिपोर्ट में लिखाया था कि 29 फरवरी को कोचिंग से लौटते वक्त मीर ट्रैफिक ज्यादा होने की वजह से बीच में ही कार से उतर गया था. उसके बाद वो कभी घर नहीं लौटा.

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ढाका हमले के तीसरे आतंकवादी की पहचान रोहन इम्तियाज के तौर पर हुई है. इम्तियाज बांग्लादेश की अवामी लीग पार्टी के युवा और खेल सचिव इम्तियाज खान बाबुल का बेटा था. रोहन अभी कॉलेज में पढ़ रहा था. इसी साल फरवरी में रोहनम भी अचानक घर से गायब हो गया और अब छह महीने बाद ढाका रेस्तरां में नजर आया था.

रिपॉन उर्फ अंदलीब अहमद. ये ढाका पर हमले का चौथा आतंकवादी है. निबरस के साथ ही ये भी मलेशिया के मोनाश यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहा था.

बिकाश पांचवां आतंकवादी है. ये भी बांग्लादेश के एक अच्छे पढ़े-लिखे और अनीर घराने से है. और हैरतअंगेज तौर पर ये भी इसी साल फरवरी में घर से गायब हो गया था. उसके बाद शुक्रवार को ही नजर आया.

जमात-उल-मुजाहिदीन के बाद ISIS से जुड़े
हैरानी की बात ये है कि ये पांचों ही अपने-अपने घर से इसी साल जनवरी और फरवरी के बीच गायब हए. उससे पहले ये सभी स्कूल और कॉलेजों में थे. यहां तक कि कोचिंग भी ले रहे थे. माना जा रहा है कि इनकी ट्रेनिंग और हमले की प्लानिंग फरवरी के बात ही बनी. शुरूआती तफ्तीश के मुताबिक ये पांचों आईएसआईएस से प्रभावित होकर पहले बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन से जुड़े और फिर आईएसआईएस से.

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