Advertisement

नन्हे भारतीय पर्वतारोही ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड

पिता की उंगली के सहारे चलने वाले महज पांच साल, ग्यारह महीने के हर्षित ने माउंट एवरेस्ट के बेस कैम्प पर पहुंचकर वर्ल्‍ड रिकॉर्ड बना डाला है.

एवरेस्‍ट बेस कैंप पर हर्षित एवरेस्‍ट बेस कैंप पर हर्षित
aajtak.in
  • दरभंगा,
  • 22 अक्टूबर 2014,
  • अपडेटेड 12:46 PM IST

पिता की उंगली के सहारे चलने वाले महज पांच साल, ग्यारह महीने के हर्षित ने माउंट एवरेस्ट के बेस कैम्प पर पहुंचकर वर्ल्‍ड रिकॉर्ड बना डाला है.

जमीन से बेस कैम्प काला पत्थर की ऊंचाई 5550 मीटर है, जहां हर किसी का पहुंचना संभव नहीं होता. हर्षित सौमित्र माउंट एवरेस्ट के बेस कैम्प पर पहुंचाने वाला दुनिया का सबसे छोटा बच्चा बन गया है. हर्षित के पिता ने अब इसका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल कराने के लिए दावेदारी पेश की है.

Advertisement

इसके पहले इस बेस कैम्प तक पहुंचने वाले बच्चे की उम्र 7 साल थी. 17 अक्टूबर, 2014 को हर्षित ने माउंट एवरेस्ट के बेस कैम्प पर पहुंचकर न सिर्फ एक नया कीर्तिमान स्थापित किया, बल्कि वहां तिरंगा लहराकर देश के साथ अपना और अपने पिता का भी नाम रोशन किया है.

हर्षित के इस कारनामे से उनके पिता राजीव सौमित्र काफी खुश हैं. राजीव सौमित्र भी एक पर्वतारोही हैं, जिन्होंने पिछले साल ही माउन्ट एवरेस्ट फतह किया था. अब वे अपने बच्चे को अच्छा पर्वतारोही बनाकर दुनिया के सारे रिकॉर्ड तोड़वाना चाहते हैं.

हर्षित का हौसला भी सातवें आसमान पर है. उसका अगला मिशन पांच साल में ही माउंट एवरेस्ट फतह करना है. इतना ही नहीं, वह अपना अगला जन्मदिन भी वहीं मनाना चाहता है.

बिहार के दरभंगा जिले के जोगियारा पतौर के रहने वाले राजीव सौमित्र पेशे से भूगोल के टीचर हैं, पर दुनिया की ऊंची चोटी पर पहुंचना उनका जूनून है. वे दुनिया के कई देशों के पर्वतों पर चढ़ाई कर चुके हैं. अब वे अपने नन्हे बेटे को 'खतरों का खिलाड़ी' बनाना चाहते हैं.

Advertisement

हर्षित ने बेस कैंप पर तिरंगा भी लहराया
नन्‍हे पर्वतारोही हर्षित सौमित्र ने कहा, 'जब मैं थोड़ी दूर आगे बढ़ा, तो मैंने अपने सर को ढक लिया था. तब बर्फ गिरने लगी थी. जब हम बेस कैम्प पंहुचे, तो जूतों में क्रैप लगा. वहां पहुंचकर हमने तिरंगा भी लहराया और बोला- जय हिंद, जय भारत'

उसके पिता राजीव सौमित्र ने कहा, 'जहां तक मेरे बेटे की बात है, पढ़ाई के साथ अगर वह माउंटेन पर जाना चाहता है, तो मुझे कोई एतराज नहीं है. हम इसको आगे बढ़ने का पूरा मौका देंगे. यह हमेशा एवरेस्ट पर जाने की जिद करता है.'

राजीव सौमित्र ने कहा, बेस कैम्प की ऊंचाई है 5550 मीटर. हमने नेट पर सर्च किया, तो देखा कि यह सबसे कम उम्र का लड़का है, जो एवरेस्‍ट के बेस कैंप तक पहुंचा. सबसे पहले एक अमेरिकन लड़का वहां 8 साल की उम्र में पहुंचा है. उसके बाद एक भारतीय बच्चा गया, जिसकी उम्र सात साल की थी. उसके बाद मेरा बेटा हर्षित गया, जिसकी उम्र पांच साल ग्यारह महीने है.'

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement