Advertisement

बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ शुरू हुआ 'फ्लैक्स वॉर', सरकारी संदेश- समर्पण करो या मरो

फ्लैक्स के जरिए सरकार ने साफ किया है कि नक्सली या तो समर्पण करें या फिर मरने के लिए तैयार रहें. बारिश के मौसम के जाते ही पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने नयी रणनीति के तहत जंगलों में दाखिल होने का संकल्प लिया है.

बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ 'फ्लैक्स वॉर' बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ 'फ्लैक्स वॉर'
कौशलेन्द्र बिक्रम सिंह/सुनील नामदेव
  • रायपुर,
  • 26 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 5:52 PM IST

छत्तीसगढ़ के बस्तर में एक बार फिर नक्सलियों के खिलाफ केंद्रीय सुरक्षा बलों की कार्यवाही तेज हो गई है. CRPF, ITBP, SSB, BSF और DRG ने नक्सलियों को हथियार डालो वरना अपने साथियों की तरह मारे जाओगे ऐसा संदेश पहुंचाना शुरू कर दिया है. स्थानीय पुलिस को भी इस अभियान में शामिल कर कहा गया है कि वो आत्मसमर्पण करने के इच्छुक नक्सलियों और उनके सहयोगियों से बातचीत का माहौल तैयार करें.

Advertisement

बस्तर के जंगल के भीतर के सैकड़ों गांव में इन दिनों किसी नेता व राजनेता के स्वागत सत्कार और बधाई संदेश वाले पोस्टर, फ्लैक्स और होर्डिंग्स नहीं लगे हैं. बल्कि उन नक्सलियों को तरजीह दी गई है जिन्होंने खून खराबा, हत्या, आगजनी, लूटपाट और बारूदी सुरंगें बिछा कर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों और आम नागरिकों की जान लेने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है. उन कुख्यात नक्सलियों के सिर पर घोषित इनामी रकम भी उनकी तस्वीरों के साथ दर्ज है. इसके साथ पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के फोन और मोबाइल नंबर भी लिखे गए हैं. ताकि नागरिक नक्सलियों की गतिविधियों की सूचना दे सकें. नंबर देने का मकसद यह भी है कि यदि कोई नक्सली आत्मसमर्पण करना चाहता है तो वो अपनी सुविधानुसार पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों से संपर्क कर सकता है.

Advertisement

इन फ्लैक्स के जरिए सरकार ने साफ किया है कि नक्सली या तो समर्पण करें या फिर मरने के लिए तैयार रहें. बारिश के मौसम के जाते ही पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने नयी रणनीति के तहत जंगलों में दाखिल होने का संकल्प लिया है. इसके लिए सोशल और कम्युनिटी पुलिसिंग को कारगर बनाया जा रहा है. जंगल के भीतर नए मोबाइल टॉवर स्थापित किए जा रहे हैं. कई गांव में  बिजली पहुंचाई जा रही है. जिन गांव में बिजली स्टेशन बनाने में अड़चन आ रही है, वहां सोलर एनर्जी प्लांट लगा कर घरों में रोशनी लाने का काम जोरों पर है.

DGP नक्सल ऑपरेशन डी.एम. अवस्थी के मुताबिक, "अब हम नए सिरे से नक्सलियों के पैर उखाड़ने में जुटे हैं." वे बताते हैं, "पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवान हथियार का इस्तेमाल करने के साथ-साथ विकास का काम भी करेंगे." उनके मुताबिक केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों ने कड़ी मेहनत करके उन नौजवानों को खोज निकाला है जो जिम्मेदार नागरिक बनना चाहते हैं. ऐसे नौजवानों को उनकी रुचि अनुसार पढ़ाई-लिखाई, तकनीकी और गैर तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है. उन्हें रोजगार मुहैया कराने के लिए मुहीम छेड़ी गई है.

बस्तर के दंतेवाड़ा , बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, अंतःगढ़, कोंडागांव, कांकेर, अबूझमाड़ जैसे दुर्गम स्थानों में कुख्यात नक्सलियों के फोटो फ्लैक्स लगाए गए हैं.  उन तस्वीरों को देख कर नक्सलियों का हुलिया पहचानने में ग्रामीणों को अब कोई कठिनाई नहीं हो रही है. इसके पहले तक नक्सलियों की छोटी तस्वीरें या फिर उनके पहनावे को लेकर तस्दीक किया जाना ग्रामीणों के लिए दूर की कौड़ी साबित होता था. लेकिन अब ऐसा नहीं है. फ्लैक्स में लगी बड़ी तस्वीरें कुख्यात नक्सलियों की कहानी बयां करने लगी हैं. हालांकि पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों को अंदेशा है कि मौका मिलते ही नक्सली इन फ्लैक्स और होर्डिंग को नष्ट कर देंगे. क्योंकि उनके पहचाने जाने और शिनाख्ती का खतरा जो बढ़ गया है.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement