
इस सीजन के सबसे घने कोहरे के चलते दिल्ली में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर दृश्यता (विजिबिलिटी) घटकर 50 मीटर तक आ जाने के कारण रविवार को 350 से अधिक विमानों की उड़ान सेवाएं प्रभावित हुईं. उनमें कुछ में देरी हुई, कुछ के मार्ग बदल दिए गए जबकि कुछ रद्द कर दी गईं.
हवाईअड्डे के एक अधिकारी के मुताबिक 270 से अधिक उड़ानों में देरी हुई और करीब 50 उड़ानें मार्ग बदलकर अन्य हवाईअड्डों की तरफ भेजी गईं. करीब 35 उड़ानें रद्द कर दी गई. सुबह साढ़े सात बजे से ग्यारह बजकर पांच मिनट तक कोई भी विमान उड़ान नहीं भर सका. इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से विमानों के उड़ान भरने के लिए 125 मीटर विजिबिलिटी की आवश्यकता होती है. वैसे दिल्ली हवाईअड्डे पर कम विजिबिलिटी में भी विमानों के उतरने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी उपलब्ध है, जिसकी मदद से 25- 50 मीटर विजिबिलिटी में उतरने में सक्षम विमान यहां पहुंच सकता है.
सूत्रों ने बताया कि करीब 50 विमानों को पास के हवाई अड्डों पर भेजा गया क्योंकि कई पायलट इस प्रौद्योगिकी में ट्रेंड नहीं हैं. दिल्ली क्षेत्र एवं आईजीआई हवाईअड्डे के लिए भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के निदेशक आरके जेनामनी ने कहा कि सुबह साढ़े पांच बजे रनवे पर विजिबिलिटी 50-75 मीटर के बीच थी. इस साल कोहरे की यह अब तक की सबसे खराब स्थिति अनुभव की गई है. विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि यह इस सीजन का सबसे घना कोहरा था.
हालांकि, दिन में विजिबिलिटी सुधरकर 2000 मीटर तक पहुंच गई और परिचालन सामान्य हो गया लेकिन सुबह हुई परेशानी के चलते दिनभर विमानों में देरी और छह घंटे तक इंतजार देखने को मिला.