
यूपी में बाढ़ से लोगों ही हालत दिनोंदिन बदतर होती जा रही है. लगभग सभी नदियां उफान पर हैं और बारिश ने लोगों का जनजीवन और भी अस्त-व्यस्त कर रखा है. बीते 24 घंटे में पूरे सूबे में बारिश जनित घटनाओं में तकरीबन 12 लोगों की मौत हो चुकी है.
छह सितंबर दिन गुरुवार तक प्रदेश सरकार ने बाढ़ का अलर्ट जारी किया है. आपदा आयुक्त संजय कुमार के मुताबिक, बीते 24 घंटे में 12 लोगों के मरने की खबर है. साथ ही 300 मकान भी ढह गए हैं. कुमार ने बताया कि प्रशासन हर हाल में सुनिश्चित कर रहा है कि प्रभावित लोगों को अविलंब मुआवजा मिल जाए. कानपुर में बीते दो दिन से लगातार बारिश हो रही है.
हालांकि प्रशासन लाख दावे करे लेकिन इस पर सवालिया निशान लग रहे हैं. कई लोगों ने रिलीफ कैंप में खाने-पीने जैसी सुविधाओं की कमी का रोना रोया है. मेडिकल मदद और आसरे की कमी से भी लोग जूझ रहे हैं. पीड़ित लोगों का कहना है कि उन्हें मुश्किल वक्त में सहयोग नहीं मिल रहा और कभी-कभी गैर-सरकारी संगठनों की ओर से बांटे गए फूड पैकेट पर जिंदा रहना पड़ रहा है.
कानपुर में हालत खराब है. गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है. इससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. बाढ़ राहत अधिकारी विराग कुमार के मुताबिक, तकरीबन 4 हजार लोग प्रभावित हैं और एक हजार लोगों को शेल्टर होम में शिफ्ट किया गया है.
सूबे में बारिश के अलावा आस-पड़ोस और नेपाल की बारिश ने यूपी में बाढ़ की हालत पैदा कर दी है. उत्तराखंड और नेपाल का पानी यूपी में कहर बरपा रहा है. उत्तराखंड की नदियां उफान पर हैं और इनका पानी यूपी में भी प्रवेश कर रहा है.
मौत का सिलसिला जारी
अभी हाल में 16 लोगों की मौत हुई थी और 12 अन्य जख्मी हो गए थे. राहत आयुक्त कार्यालय से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक तीन दिन पहले वज्रपात और बारिश के कारण मकान गिरने और वर्षाजनित हादसों में कुल 16 लोगों की मौत हो गई. इनमें शाहजहांपुर में सबसे ज्यादा छह लोगों की मौत हुई.
इसके अलावा सीतापुर में तीन, अमेठी और औरैया में दो-दो और लखीमपुर खीरी, रायबरेली, उन्नाव में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई. पूरे प्रदेश में ऐसे हादसों में 12 लोग जख्मी भी हुए. इसके अलावा कुल 461 मकान या झोपड़ियां भी क्षतिग्रस्त हुई. शाहजहांपुर से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक जिले के कांठ क्षेत्र में खराब मौसम के बीच बिजली गिरने की घटनाओं में चार बच्चों समेत छह लोगों की मौत हो गई और चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए.
आकाशीय बिजली का कहर
कांठ थाना क्षेत्र के शमशेरपुर गांव में कुछ लड़के खेतों में पशु चरा रहे थे. इसी बीच तेज बारिश शुरू हो गई जिस से बचने के लिए वे बच्चे एक पेड़ के नीचे बैठ गए. इसी दौरान उस पेड़ पर आकाशीय बिजली गिर गई. इस घटना में 24 साल के मोहित नामक युवक के अलावा बबलू (05), अनमोल (10) और डबलू (11) की मौत हो गई,जबकि विपिन, रामकिशोर और एक अन्य लड़का गंभीर रूप से घायल हो गया. इसी थाना क्षेत्र के नबीपुर गांव में खेतों में बकरी चरा रही 11 साल की वंदना और सिकंदरपुर गांव में अशोक (42) को भी खराब मौसम के बीच गिरी बिजली ने चपेट में ले लिया जिससे उनकी भी घटनास्थल पर मौत हो गई.
नगालैंड में भी हालत खराब
नगालैंड में भी बाढ़ का कहर है. वहां की सरकार को लैंडस्लाइड और बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए करीब 800 करोड़ रुपए की फौरी जरूरत है. प्रदेश के गृह और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव रोविलात्युओ मोर के मुताबिक, नगालैंड में लैंडस्लाइड और बाढ़ से काफी हानि हुई है और इससे राज्य की कुल आबादी में से 13.19 फीसदी लोग प्रभावित हुए हैं. इसके चलते 532 गांवों में 48,821 परिवार बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
बाढ़ से जूझते नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बात की और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. रियो से बात करने के बाद पीएम ने ट्वीट किया और कहा कि रियो से बात कर बाढ़ की हालत जानी. बचाव और राहत के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. हम नगालैंड के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं और उनकी कुशलता की कामना करते हैं.