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जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल की सुरक्षा बलों को नसीहत- कार्रवाई में लोगों को न हो नुकसान

राज भवन के प्रवक्ता ने बताया कि आम लोगों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए वोहरा ने थलसेना और सभी सुरक्षा बलों की ओर से मानक संचालन प्रक्रिया (SOPs) का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए. ताकि आम लोगों को नुकसान न हो. राज्यपाल ने कठिन परिस्थितियों से निपटने के दौरान किसी नागरिक जीवन का नुकसान न हो इसके लिए सशस्त्र बलों और राज्य पुलिस के बीच सशक्त सहयोगी कार्रवाई और तालमेल पर जोर दिया.

जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा (फाइल फोटो) जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा (फाइल फोटो)
अजीत तिवारी/अशरफ वानी
  • कुलगाम,
  • 08 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 12:22 PM IST

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में पथराव कर रहे प्रदर्शनकारियों के साथ हुई झड़प के दौरान सेना के जवानों ने फायरिंग की जिसमें एक लड़की समेत 3 नागरिकों की मौत हो गयी और 2 अन्य घायल हो गए. कुलगाम की इस घटना पर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा ने दुख और पीड़ा जाहिर की और कश्मीर घाटी की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए राज भवन में उच्च-स्तरीय बैठक भी बुलाई. इस बैठक में थलसेना के उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने भी हिस्सा लिया.

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SOPs का हो सख्ती से पालन: राज्यपाल

राज भवन के प्रवक्ता ने बताया कि आम लोगों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए वोहरा ने थलसेना और सभी सुरक्षा बलों की ओर से मानक संचालन प्रक्रिया (SOPs) का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए. ताकि आम लोगों को नुकसान न हो. राज्यपाल ने कठिन परिस्थितियों से निपटने के दौरान किसी नागरिक जीवन का नुकसान न हो इसके लिए सशस्त्र बलों और राज्य पुलिस के बीच सशक्त सहयोगी कार्रवाई और तालमेल पर जोर दिया. आपको याद दिला दें कि राज्य सरकार में शामिल बीजेपी के पीडीपी से समर्थन वापिस लेने के बाद से यहां पर राज्यपाल शासन लागू है.

पुलिस ने शुरू की जांच

सेना ने बयान जारी कर कहा कि आज 400-500 लोगों की आक्रामक भीड़ ने सेना पर हमला किया था. भीड़ ने जवानों पर पत्थर ही नहीं, पेट्रोल बम तक बरसाए. तब जाकर जवानों को आत्मरक्षा में फायरिंग करनी पड़ी. सेना ने कहा कि दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के एक गांव में पत्थरबाजों की भीड़ पर तब गोलीबारी की गई थी, जब भीड़ में छिपे आतंकवादियों ने गश्ती दल पर गोलीबारी की. जवाबी कार्रवाई के दौरान सेना की गोलीबारी में तीन नागरिकों की मौत हो गई थी.

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हालांकि, पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है. पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि उपद्रवियों के एक समूह ने आज दोपहर बाद दक्षिण कश्मीर में कुलगाम के हावूड़ा मिशीपुरा इलाके से गुजर रहे सेना के एक गश्ती दल पर पथराव शुरू कर दिया. सेना के जवानों ने जब प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने की कोशिश की तो पांच लोगों को चोटें आईं.

चेतावनी नहीं मानने पर सेना ने की कार्रवाई

एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि इस घटना में भारी पत्थरबाजी और आतंकवादियों की ओर से की गई गोलीबारी की चपेट में आने के कारण कुछ सैनिकों को गंभीर चोटें आई हैं. उन्होंने कहा कि काफी संयम बरतते हुए सेना के जवानों ने पत्थरबाजों को चेतावनी दी लेकिन उन्होंने एक न सुनी और गश्ती दल पर पेट्रोल बम फेंके. कुछ अज्ञात आतंकवादियों ने भी सेना के जवानों पर फायरिंग की जिससे कुछ सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए.

रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि तथ्यों का पता लगाने के लिए मामले की जांच की जा रही है. आम नागरिकों की मौत होने के कारण एहतियात के तौर पर कश्मीर के ज्यादातर हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस घटना के बाद पूरे कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं.

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अमरनाथ यात्रा एक दिन के लिए स्थगित

जम्मू कश्मीर प्रशासन ने हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की दूसरी बरसी पर अलगावादियों द्वारा आहूत की गयी हड़ताल के मद्देनजर आज रविवार को एक दिन के लिए अमरनाथ यात्रा स्थगित कर दी है. पुलिस महानिदेशक एस पी वैद्य ने कहा, 'आपको पता है कि जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है और हमारा प्रयास तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना है. रविवार को हड़ताल का आह्वान किया गया है ऐसे में हमें यात्रा रोकनी पड़ी. हमारा कर्तव्य तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.'

वह शनिवार को कठुआ गये और उन्होंने देशभर से इस अमरनाथ यात्रा के लिए आ रहे तीर्थयात्रियों के लिए किये गये इंतजामों की समीक्षा की. एक पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस महानिदेशक ने अन्य स्थानों के साथ जम्मू कश्मीर में प्रवेश के लिए द्वार समझे जाने वाले लखनपुर रिसेप्शन सेंटर पर सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की. वैद्य ने कहा, 'यात्रियों की सुरक्षा और सुगमता हमारी शीर्ष प्राथमिकता है, मेरी तीर्थयात्रियों से अपील है कि उन्हें घाटी की (कानून व्यवस्था की) स्थिति को ध्यान में रखकर हमारे साथ सहयोग करना चाहिए.'

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