
रात के 10.00 बजे का वक्त था जब पूरी दिल्ली के साथ-साथ मालवीय नगर इलाके के लोग भी सोने की तैयारी कर थे. तभी यहां लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कंधे पर बैग टांगे मोबाइल पर बात करती सड़क से गुजरती नजर आती है. वो अपने बालों पर हाथ फेरती हुई आने वाले वक्त से बिल्कुल बेखबर बड़े आराम से चली जा रही है.
लेकिन 10 सेकेंड्स गुजरते ही उसके पीछे तेज कदमों से चलता एक दूसरा शख्स भी नजर आता है. सफेद शर्ट और फुलपैंट पहने ये शख्स अपनी शर्ट की बाहें चढ़ाता हुआ जिस तेजी से लड़की की तरफ लपकता है, उसे देख कर लगने लगता है कि हो ना हो उसके इरादे ठीक नहीं हैं. और फिर इसके बाद ठीक वही होता है, जिसका डर है.
वो पीछे से जाकर सीधे लड़की को गर्दन से दबोच लेता है और उससे उसका मोबाइल फोन छीनने की कोशिश करने लगता है. अचानक हुए इस हमले से लड़की घबरा जाती है, लेकिन वो अपना फोन नहीं छोड़ती. बल्कि शोर मचाती हुई पीछे हटने लगती है. लेकिन हमलावर उसे लगातार डराता-धमकाता पीछे की ओर धकेलता है और एक के बाद एक हमले करता हुआ सड़क के किनारे खड़ी कारों के पीछे ले जाता है. और फिर वहां पहुंच कर वो लड़की पर और बुरी तरह टूट पड़ता है, उसे पीटने लगता है. और इस पूरे सिलसिले के दौरान लड़की बुरी तरह चीखती-चिल्लाती रहती है.
तभी सड़क के दूसरी तरफ कुछ हलचल दिखाई देती है. यानी हमलावर के लड़की को दबोचने के फकत 15 सेकेंड्स के अंदर कुछ लोग एक दीवार फांद कर मौका-ए-वारदात की तरफ बढ़ते नजर आते हैं. इसी बीच लड़की पर हमला करनेवाले शख्स को अचानक ही अपने घिरने का अहसास होने लगता है. और वो अपने शिकार यानी लड़की को छोड़ कर गोली की रफ्तार उसी ओर भागता है, जिस ओर से वो इस सड़क में आता हुआ पहली बार दिखा था. दीवार फांद कर मौके की तरफ बढ़ते कुछ लड़के अब पूरी रफ्तार से हमलावर के पीछे भागते हुए नजर आते हैं. लेकिन चूंकि यहां हमलावर की जान पर बन आई है वो सिर पर पैर रख कर तेजी से भाग जाता है.
दरअसल, 19 अगस्त की रात को जब उज्बेकिस्तान से आई लड़की सोनिया दिल्ली में अपने दोस्त के घर लौट रही थी, तो पीछे से सूरज नाम के लड़के ने उससे उसका मोबाइल फोन छीनने की कोशिश की. लेकिन इससे पहले कि वो मोबाइल झपट कर आराम से निकल पाता, पास ही कॉलोनी के पार्क में खेल रहे इस वाकये के दूसरे किरदारों यानी इन्हीं लड़कों ने उसका सारा खेल खराब कर दिया.
दरअसल, MNM यानी मालवीय नगर मैनिएक के नाम से एक क्लब बना कर हर रोज रात को पार्क में फुटबाल खेलनेवाले इन लड़कों का ध्यान तब पहली बार इस मारपीट और लूटपाट की तरफ गया, जब सोनिया सूरज के चंगुल में फंस कर बुरी तरह चीख रही थी. पहले इन लड़कों को ये लगा कि शायद कोई रोड एक्सीडेंट का शिकार हो कर दर्द से तड़प रही है. लेकिन जब उन्होंने कार के पीछे एक लड़के को एक लड़की के ऊपर ताबड़तोड़ घूंसे बरसाते देखा, तो उन्हें मामला समझते देर नहीं लगी.
बस, फिर क्या था? इसके बाद तो गेंद लेकर गोलपोस्ट तक दौड़ लगानेवाले इन फुटबॉलर ने झपटमार का पीछा कुछ ऐसा किया कि जल्द ही झपटमार अपने पैरों पर खड़े होने लायक ही नहीं बचा. एमएनएम के जांबाजों की मानें तो जल्द ही हमले और लूटपाट का आरोपी सूरज उन्हें गच्चा देकर अंधेरे में गुम होने में कामयाब हो चुका था और वो मन मसोस कर खाली हाथ वापस लौटने की तैयारी कर रहे थे. लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ कि पूरी बाजी पलट गई.
मालवीय नगर के स्कूल के करीब पहुंच कर वो झपटमार अंधेरे में गुम हो चुका था. अब सभी के सभी लड़कों को लगने लगा कि अब शायद वो बदमाश उनके हाथ नहीं आएगा. लेकिन तभी एक लड़के की नजर स्कूल के पास खड़ी कारों के पीछे अंधेरे में छुपते एक लड़के पर गई.
लेकिन नजर पड़ते ही वो शख्स कार के पीछे से ना सिर्फ बाहर निकल आया, बल्कि बड़े आराम से आगे जाने लगा. लड़कों को उस पर शक तो हो रहा था, जब उन्होंने इस कार के पीछे छुपनेवाले शख्स से वहां छुपने का सबब पूछा तो वो छिपने की बात से इनकार करने लगा. उसने कहा कि वो तो बस उधर से गुजर रहा था. जाहिर है, वो मुंह से बेशक झूठ बोल रहा हो, उसकी तेज चलती सांसों और चेहरे के हाव-भाव ने उसकी पोल खोल कर रख दी. बस, इसके बाद तो उसके साथ जो कुछ हुआ. उसे सही-सही अल्फाजों में बयान करना भी मुश्किल है. अब तक फुटबाल को अपनी किक से इधर-उधर उछालनेवाले MNM यानी मालवीय नगर मैनिएक के लड़कों ने उस पर इतने घूंसे और किक बरसाए कि उसकी हालत चलने-फिरने लायक भी नहीं बची. लेकिन अभी उसके झपटमार होने की तस्दीक करनी बाकी थी. लिहाजा, लड़कों ने उसे हाथ-पैरों से टांग लिया और निकल लिए उसी जानिब, जिधर से वारदात की शुरुआत हुई थी.
जाहिर है कोई भी गुनहगार कभी खुद को गुनहगार नहीं बोलता. और इसी फलसफे पर चलते हुए इस झपटमार ने भी ऐसी किसी वारदात को अंजाम देने से साफ इनकार कर दिया. वो भी तब जब उसे ऐसा करते हुए एक नहीं, बल्कि पार्क में खेल रहे दसों लड़कों ने देखा था. अब ऐसे में उससे गुनाह कुबूलवाने के लिए मोहल्ले के लड़कों ने भी वही किया, जो आम तौर पर पुलिस मुल्जिमों के साथ करती है.
लेकिन मारपीट के मामले में चूंकि ये लड़के नौसिखिए थे, तो उन्होंने झपटमारी करते हुए पकड़े गए सूरज की ऐसी धुनाई की कि वो चलने-फिरने लायक भी नहीं रहा. अब इसके बाद लड़के उसे टांग कर मौका ए वारदात पर ले आकर आए. जहां कुछ देर में रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिशएशन के अधिकारियों समेत पुलिस भी आ पहुंची. यहीं लड़कों ने पीड़ित लड़की यानी सोनिया से उसके हमलावर की पहचान भी करवाई और तब इसके बाद झपटमार को पुलिस के हवाले कर दिया. लेकिन इस वाकये ने जहां मालवीय नगर मैनिएक के जांबाज़ों को रातों-रात पूरे इलाके में मशहूर कर दिया, वहीं खुदगर्जी के इल्जामों से घिरती दिल्ली को फिर से दिल वालों की दिल्ली बनाने की कोशिश की.