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अगर ज्वाइन करना चाहते हैं NDA तो जानें कुछ जरूरी बातें...

यदि आप अपने कंधे पर सितारों की कल्पना करते हैं. आपका दिल देश के लिए धड़कता है. आपमें भीड़ से अलग खड़े होने की काबिलियत है तो यह लेख व सुझाव आपके लिए ही हैं...

NDA NDA
विष्णु नारायण
  • नई दिल्ली,
  • 24 मई 2016,
  • अपडेटेड 2:32 PM IST

कोई एक जिंदगी जिसकी कल्पना दुनिया के अधिकांश नौजवान करते हैं उसमें से अव्वल होती है सेना में अफसर की नौकरी. सारे नौजवान कभी-न-कभी उनके देश की सेवा करने के लिए सेना का हिस्सा होना चाहते हैं. समर्पण, सेवा और सम्मान वाली नौकरी. जिसके जैसा कुछ और नहीं होता. हमारे देश में सेना के अफसर होने की पहली सीढ़ी राष्ट्रीय सुरक्षा अकादमी (NDA) है.

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इसमें दाखिले के लिए तय उम्र सीमा है 16 साल 6 महीने से लेकर 19 साल. जब तक देश के अधिकांश युवा इस बात को सोच नहीं पाते कि वे साइंस पढ़ें या फिर बी.टेक करें. तब तक NDA पहुंचने वाला नौजवान अफसर बन चुका होता है.

इसी के मद्देनजर हम खास आपके लिए लाए हैं महत्वपूर्ण सलाह व जानकारियां जिन्हें ध्यान में रखते हुए आप मछली की आंख (NDA) रूपी लक्ष्य को सफलतापूर्वक बेध सकते हैं.

लिखित परीक्षा...
NDA की लिखित परीक्षा में दो पेपर्स होते हैं. पहला मैथ्स (300 नंबर) और दूसरा जनरल एबिलिटी टेस्ट (600 नंबर). इसमें उम्मीदवारों को अलग-अलग पेपर सॉल्व करने के लिए ढाई घंटे का समय दिया जाता है. सारे सवाल ऑब्जेक्टिव होते हैं.
मैथ्स के सारे सवालों को सॉल्व करने के लिए आप NCERTकी किताबों को ध्यानपूर्वक पढ़ते रहेंगे तो काफी सहूलियत हो जाएगी. इसके अलावा आर डी शर्मा की किताब हो तो मैथ्स पेपर सॉल्व करना आसान हो जाएगा.
जनरल एबिलिटी टेस्ट में अच्छा परफॉर्म करने के लिए NCERT की किताबों का गहन अध्ययन करना होगा. ह्यूमैनिटीज की किताबों को बार-बार पढ़ना आपके लिए पेपर को आसान बना देगा. साइंस के सवालों में अच्छा करने के लिए आप इन किताबों के अलावा H.C.Verma की साइड बुक्स का भी सहारा ले सकते हैं.

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लिखित परीक्षा में पास होने पर होती है SSB...
एक्सपर्ट्स (Service Selection Board-SSB) को लेकर अलग-अलग राय रखते हैं. उनका मानना है कि NDA अपने अफसरों को खुद चुनता है न कि लोग NDA को चुनते हैं.  इस इंटरव्यू कम परीक्षा में उम्मीदवारों को सेना व NDA द्वारा चयनित जगह पर पहले-पहल स्क्रीनिंग और ग्रुप डिस्कशन से होकर गुजरना पड़ता है.
इसमें सफल होने वाले उम्मीदवारों को 5 से 6 दिनों के लिए यहां रखा जाता है. इस दौरान यहां इंटरव्यू, कॉन्फ्रेंस, कमांड टास्क और शारीरिक क्षमता को भी जांचा-परखा जाता है. कुल मिला कर कहे तो SSB एक फिल्टरिंग प्रक्रिया है और इसके तहत उम्मीदवार लेने के बजाय छांटे ज्यादा जाते हैं. साफ-साफ शब्दों में कहें तो SSB तमाम कैंडि‍डेट्स के बीच से साहबों को चुनने की प्रक्रिया है.

SSB के बाद होती है मेडिकल परीक्षा...
अब तक तो आप जान ही गए होंगे कि NDA का हिस्सा होना भारत के सबसे गहन और मुश्किल बातों में से एक है. इसके लिए आपको शारीरिक और मानसिक रूप से ऐक्टिव रहने की जरूरत है. इस पूरे सलाह और जानकारी के अंत में एक बात का और ध्यान रखें कि NDA में दाखिल होना दिमाग से अधिक दिल का मामला है. और जो दिल देश के लिए धड़कता हो तो फिर सितारे आपके कंधों पर जगमगाने के लिए बेताब हैं.

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