
यूपीए शासनकाल में हुए 3600 करोड़ रुपये के अगस्ता हेलीकॉप्टर डील में कथित घूसखोरी के मामले में पूर्व वायु सेना प्रमुख एस पी त्यागी समेत संजीव त्यागी और वकील गौतम खेतान को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 14 दिसंबर तक की सीबीआई रिमांड पर भेजा दिया है. 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की खरीद में 450 करोड़ रुपये की घूसखोरी से जुड़े इस मामले में एसपी त्यागी के रिश्तेदार संजीव त्यागी और वकील गौतम खेतान को सीबीआई ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया था.
सीबीआई ने कोर्ट से कहा-
1- सभी आरोपियों की 10 दिन की रिमांड चाहिए.
2- वीवीआईपी के लिए एमआई 8 हेलीकॉप्टर खरीदने थे, 11 पार्टियों में से अगस्ता वेस्टलैंड अंतिम कम्पनी थी. 6 हजार ऊंचाई तक उडने वाले हेलीकॉप्टर चाहिए था. अगस्ता कंपनी जरूरत मापदंड पूरी नहीं कर पाई थी. 2004 में नई सरकार ने सभी मापदंड के साथ वाले ही हेलीकॉप्टर खरीदने को कहा. एसपी त्यागी के आने के बाद अगस्ता वेस्टलैंड ने दोबारा बेचने के लिए कोशिश शुरू की दी. नया प्रस्ताव लाया गया, जिसमें हेलीकॉप्टर की न्यूनतम 4500 की ऊंचाई रखी गई, जो कि अगस्ता वेस्टलैंड कम्पनी पूरा कर रहा था.
3- डिफेंस सेक्रेटी की मीटिंग के बाद 2 इंजन वाले हेलीकॉप्टर खरीदने का प्रस्ताव किया.
4- एसपी त्यागी ने अपने प्रभाव से 3 इंजन वाले हेलीकॉप्टर की मंजूरी दी, जिससे कि अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी को फायदा पहुंचा.
5- संजीव त्यागी अगस्ता कंपनी की मुख्य कंपनी तक पहुंचा और कंपनी को एसपी त्यागी के बारे में बताया कि वो मेरे रिश्तेदार हैं.
6- एसपी त्यागी ने कंपनी के लोगों से भी मुलाकात की संजीव त्यागी के कहने पर.
7- करोड़ो रुपया एसपी त्यागी और उनके लोगों को दिया गया.
8- वकील गौतम खेतान इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड था.
9- बड़ा भ्रष्टाचार का मामला है.
10- एसपी त्यागी ने बड़ी संख्या में जमीनें खरीदीं, जिसकी जानकारी इनकम टैक्स को नहीं दी गई.
11- कई और सरकारी अधिकारियों को पकड़ना बाकी है.
12- कई देशों के लिए डील के मामले में एलआर जारी किए गए हैं, जिनका जवाब आना बाकी है.
13- आपराधिक षडयंत्र की शुरुआत 2003 में हो गई थी, जब एसपी त्यागी के भाई संजीव त्यागी ने कंपनियों से बात शुरू कर दी थी.
बचाव पक्ष-
1- एफआईआई दर्ज करने के बाद मेरे ऑफिस में रेड की गई और मुझसे पूछताछ सीबीआई ने की थी.
2- डिफेंस (प्रिक्योरमेंट) की खरीद फरोख्त में एयरचीफ का कोई रोल नहीं होता, हेलीकॉप्टर की खरीद का निर्णय केवल मेरा अकेले का नहीं था ये सबकी सहमति का निर्णय था.
3- साल 2004 में डील की शुरुआत हुई, जबकि मैं 2005 में पिक्चर में आया, पैसों का लेनदेन भी 2004 में हुआ.
4- सीबीआई ने आरोप लगाया है कि मैंने 2005-07 के बीच खेती की जमीनें खरीदी हैं और पैसा नकद में दिया तो सीबीआई ये बताए कि ये पैसा किस वक्त का दिया है, जबकि डील का पैसा 2004 में ही आ गया था और मैं पद पर 2005 में बैठा.
5- मेरे और परिवार के अन्य लोगों से संबंधित दस्तावेजों को सीबीआई ने जब्त कर लिया है फिर रिमांड में सीबीआई क्या चाहती है.
वकील (गौतम खेतान)-
1. 12-03-13 को एफआईआर हुई थी और 3 साल 8 महीने का इतना समय बीतने के बाद गिरफ्तार किया है.
2- गौतम खेतान सीबीआई के सामने दर्जनों बार गए और सीबीआई के सवालों का जवाब दिया. मनी लांड्री के मामले में खेतान को जमानत भी मिल गई थी. अगर जांच पूरी हो गई है तो चार्जशीट क्यों नहीं दाखिल की गई है. मामला ईडी का है सीबीआई को जांच का अधिकार ही नहीं बनता. 3 साल 8 महीने के बाद भी डील का बैकिंग चैनल सीबीआई नहीं पता कर पाई है. सीबीआई को पुलिस रिमांड का मतलब केवल परेशान करना है, शुक्रवार सीबीआई ने 12 घंटे तक कोई भी सवाल नहीं पूछा.
संजीव त्यागी-
1- तमाम तारीखों पर जांच एजेंसियों ने बुलाया और मैं गया.
2- मैंने अपने पैसे की पूरी-पूरी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को दी हुई है.
3- रिमांड की जरूरत सीबीआई को बतानी चाहिए, जबकि रिमांड लेने के लिए सीबीआई के पास तथ्य नहीं है.
एसपी त्यागी ने कोर्ट से कहा कि सीबीआई ने जब-जब भी मुझसे सवाल किए मैंने उनको जवाब दिया. सीबीआई के अधिकारी मुझसे टेलीफोन पर बात कर लेते थे, लेकिन वो सम्मन लेकर आ गए और मुझे गिरफ्तार कर लिया. जब आप गिरफ्तार हो जाते हैं तो मतलब गिरफ्तार ही समझ लिया जाता है. मैं कहीं बाहर नहीं जा रहा, मैं कहीं भाग नहीं रहा.