
प्लान के मुताबिक पूर्व डीसीपी लक्ष्मी नारायण राव रिटायर होने के बाद वकालत करने लगे. उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की. बीते पांच सालों से उनकी प्रैक्टिस अच्छी थी और सब कुछ ठीक चल रहा था.
तीस हजारी की घटना के बाद समस्या
किसी जमाने में दिल्ली पुलिस की 'नाक' और खूंखार बदमाशों की 'अकाल-मौत' समझे जाने वाले पूर्व डीसीपी और मौजूदा वक्त में दिल्ली हाई कोर्ट के वकील एल.एन. राव की परेशानियां तब से बढ़ीं हैं, जब से तीस हजारी अदालत में वकील-पुलिस वालों के बीच झड़प हुई है. रिपोर्ट के मुताबिक एल एन राव को दिल्ली हाई कोर्ट में चैंबर नंबर-136 मिला है. उनके साथ कुछ और भी वकील बैठते हैं.
पिछले दिनों जब दिल्ली की अदालतों के वकील तीस हजारी कांड को लेकर हड़ताल पर थे, तब राव के बंद चैंबर के बाहर कुछ लोगों ने पोस्टर चिपका दिए. पोस्टर पर लिखा है, "कृपया स्पष्ट करें कि आप एक वकील हैं या फिर रिटायर्ड पुलिस अधिकारी?" अंग्रेजी में छपे इन पोस्टरों को किसने लगाया, किसने लिखा है इसका अभी तक पता नहीं चल पाया है.
लाइसेंस रद्द करवाने के लिए लिखी चिट्ठी
एल.एन. राव ने बताया कि कुछ लोगों ने उनका लाइसेंस रद्द करवाने की चिट्ठी लिखी है. राव ने कहा, "साकेत कोर्ट इलाके में पुलिस वालों पर जो हमले हुए, मैंने उन पर अपनी राय जाहिर की थी, मैंने 36-37 साल पुलिस की नौकरी की है. अब पढ़-लिखकर वकालत कर रहा हूं. इसमें क्या गलत है. कुछ लोगों ने मेरा लाइसेंस रद्द करवाने को चिठ्ठी लिखी है. मैं गलत नहीं हूं. वक्त आने पर जबाब दे दूंगा." एलएन राव ने कहा कि बिना गलती के वो झुकने वाले नहीं है. उन्होंने कहा कि वे संघर्ष करेंगे और आगे बढ़ेंगे.