
दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से सीएम पद की उम्मीदवार शीला दीक्षित चुनाव अभियान से हट सकती हैं. सूत्रों के मुताबिक शीला पार्टी में अहमियत ना मिलने से नाराज चल रही हैं और वे CM पद की उम्मीदवारी भी छोड़ सकती हैं. हालांकि, शीला दीक्षित ने इन खबरों का खंडन किया है. सीला दीक्षित ने ट्वीट कर कहा कि वे बाराबंकी में कार्यक्रम में शामिल हो रही हैं.
चुनाव अभियानों से बनाई दूरी
बताया जा रहा है कि शीला दीक्षित से राज्य में चुनाव को लेकर कोई सलाह-मशविरा नहीं किया जा रहा था. सीएम पद का उम्मीदवार रहने के बावजूद वे चुनाव अभियानों में हिस्सा नहीं ले रही हैं. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की बहराइच रैली में भी शीला मौजूद नहीं थीं. यहां तक की उनसे सपा के साथ गठबंधन को लेकर भी कोई बातचीत नहीं की गई.
सहारा डायरी में शीला दीक्षित का नाम
शीला दीक्षित का नाम सहारा डायरी में भी है, जिसका नाम लेकर राहुल गांधी पीएम मोदी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते रहे हैं. इस मामले में खुद को बचाने के लिए उन्हें सहारा डायरी को गलत ठहराने की जरूरत है, पर ऐसा करने से पार्टी उपाध्यक्ष का पीएम मोदी के खिलाफ किया जा रहा दावा भी गलत साबित हो जाएगा. इस मामले में पार्टी का साथ ना मिलने से भी वो नाराज चल रही हैं.
कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर 'सहारा डायरी' से जुड़ी एक तस्वीर जारी की थी, जिसमें दिखाया गया था कि गुजरात का सीएम रहते हुए नरेंद्र मोदी ने सहारा समूह से 40 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी. हालांकि इससे कांग्रेस ही सवालों में घिर गई क्योंकि साल 2014 की इस कथित लिस्ट में जिस तरह गुजरात के तत्कालीन सीएम का जिक्र है, उसी तरह दिल्ली की तत्कालीन सीएम शीला दीक्षित को भी एक करोड़ रुपये देने की बात लिखी है.