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DU के पूर्व प्रोफेसर एसएआर गिलानी गिरफ्तार, देशद्रोह का केस, आज होगी कोर्ट में पेशी

जेएनयू की तरह प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में भी अफजल गुरु की बरसी पर कार्यक्रम आयोजित करने और देश-विरोधी नारे लगाने के मामले में दिल्ली पुलिस ने DU के पूर्व प्रोफेसर एसएआर गिलानी को गिरफ्तार कर लिया है. मंगलवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा.

गिलानी के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज गिलानी के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज
मोनिका शर्मा/BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 16 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 12:55 PM IST

देशद्रोह मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर एसएआर गिलानी को सोमवार देर शाम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. आज (मंगलवार) गिलानी को कोर्ट में पेश किया जाएगा. उन पर प्रेस क्लब में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्र विरोधी नारेबाजी करने का मामला दर्ज है.

गिलानी का मेडिकल
गिलानी को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उन्हें दिल्ली के आरएमएल अस्पताल ले गई, जहां उनका मेडिकल कराया गया.

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पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'गिलानी को हिरासत में ले लिया गया है और उनसे संसद मार्ग थाने में पूछताछ की जा रही है.' बता दें कि जेएनयू में राष्ट्र विरोधी नारेबाजी को लेकर पहले से ही सियासी बवाल मचा हुआ है. दिल्ली पुलिस ने जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार किया है,‍ जिसे पटियाला हाउस कोर्ट ने सोमवार को दो दिनों की रिमांड पर भेज दिया.

गिलानी ने लगाए देश-विरोधी नारे
गिलानी पर आरोप है कि उन्होंने 10 फरवरी को अफजल गुरु की बरसी के मौके पर प्रेस क्लब में एक कार्यक्रम आयोजित किया था और वहां देश-विरोधी नारे लगाए गए थे. नारे लगाने वालों में कथित रूप से गिलानी भी शामिल थे. पुलिस ने उनके खिलाफ आईपीसी की धाराओं 124A(राजद्रोह), 120B(आपराधिक साजिश), 149(गैर-कानूनी रूप से जमा होने) और 34 के तहत केस दर्ज किया गया था.

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पुलिस ने लिया स्वतः संज्ञान
पुलिस ने दावा किया था कि उसने मीडिया के क्लिप का स्वतः संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज की थी. पुलिस ने यह भी दावा किया कि गिलानी पर इसलिए मामला दर्ज किया गया कि उन्हें समारोह का 'मुख्य आयोजक' माना गया.

पुलिस ने की पूछताछ
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था, 'प्रेस क्लब में हॉल बुक करने का आग्रह गिलानी के ई-मेल के माध्यम से हुआ और समारोह की प्रकृति आम बैठक की थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ.' एफआईआर दर्ज होने के बाद प्रेस क्लब के सदस्य और डीयू के प्रोफेसर अली जावेद से पुलिस ने लगातार दो दिनों तक पूछताछ की जिन्होंने कार्यक्रम के लिए हॉल बुक किया था.

संसद हमले से लिंक
गिलानी को 2001 में संसद हमला मामले में गिरफ्तार किया गया था लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने 'सबूतों की कमी' के चलते अक्टूबर 2003 में उन्हें बरी कर दिया और उच्चतम न्यायालय ने अगस्त 2005 में इस फैसले को बरकरार रखा था.

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