
हरियाणा कांग्रेस के अंदर चल रही अंदरुनी कलह की आग अब पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की चौखट तक पहुंच गई है. हरियाणा कांग्रेस के पूर्व प्रमुख अशोक तंवर बुधवार दोपहर 3 बजे नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन करने पर उतर आए. यही नहीं उन्होंने हरियाणा की सोहना विधानसभा सीट को 5 करोड़ रुपए में बेचने का आरोप भी लगाया.
तंवर राज्य में हुए टिकट के बंटवारे से नाराज हैं. उन्होंने कहा कि, 'बीते पांच सालों में जिन्होंने पार्टी के लिए काम किया उन्हें टिकट बंटवारे के दौरान अनदेखा किया गया. जिन्होंने पार्टी के खिलाफ काम किया उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने तवज्जो दी है.'
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक तंवर बुधवार को दिल्ली स्थित पार्टी हेडक्वार्टर के सामने अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए. उन्होंने टिकट बंटवारे में पार्टी के नेताओं पर धांधली करने का आरोप लगाया है.
तंवर ने कहा कि सोहना विधानसभा सीट के टिकट को 5 करोड़ रुपए लेकर बेच दिया गया है. उन्होंने कहा कि हम हर हाल में परिस्थितियों को संभालेंगे. अगर टिकट बंटवारे में धांधली की गई है तो चुने गए लोगों को कैसे जीत मिलेगी.
अशोक तंवर ने कहा कि राज्य में बीते 5 सालों में मैंने पार्टी को अपने खून-पसीने से सींचा है. राजस्थान में नेतृत्व को खत्म किया जा रहा है. हम हमेशा से अपनी पार्टी को लेकर समर्पित रहे हैं. ऐसे लोगों को टिकट क्यों दिए जा रहे हैं जो पहले कांग्रेस की आलोचना करते थे और अब कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.
तंवर ने कहा, 'मैं टिकट बंटवारे की प्रक्रिया में शामिल था इसलिए मुझे पता है कि ये सरकार (भाजपा सरकार) बनवाई गई थी, बनी नहीं थी. आज जो 14 बीजेपी विधायक हैं उन्हें यहां से भेज दिया गया है.' साथ ही उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के 7 सांसदों की पृष्ठभूमि कांग्रेस की रही है. तंवर ने कहा, 'बीजेपी ने मुझे 3 महीने में 6 बार पार्टी में शामिल होने का ऑफर दिया, लेकिन मैं नहीं गया और कभी नहीं जाउंगा.'
प्रदेश अध्यक्ष के बदले जाने के बाद हरियाणा में टिकटों की मारामारी बढ़ गई है. एक तरफ प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा अपने खेमे के नेताओं को टिकट दिलाने में लगे हुए हैं. वहीं, अशोक तंवर भी केंद्रीय नेतृत्व से अपने पाले के लोगों को मौका देने के लिए हर कोशिश कर रहे हैं.