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विश्व बैंक की तरफ से मोदी सरकार को बड़ी राहत मिली है. आर्थिक फैसलों पर लगातार विपक्ष के हमले झेल रही सरकार को विश्व बैंक ने राहत दे दी है. व्यापार सुगमता के मामले में भारत की रैंकिंग में बड़ा सुधार हुआ है. व्यापार सुगमता के मामले में विश्व बैंक ने जो उपहार मोदी सरकार को दिया है. उसके लिए सरकार के चार फैसले जिम्मेदार हैं. विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में इन फैसलों का खास तौर पर जिक्र किया है और इन्हें व्यापार सुगमता के लिए अहम माना है.
1. SPICe फॉर्म
विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत सरकार ने कारोबारियों के लिए व्यापार आसान करने के लिए अलग-अलग फॉर्म्स की संख्या घटाई. व्यापार निगमन के लिए सरकार ने SPICe फॉर्म जारी किया और इसके साथ पैन को भी क्रमबद्ध कर दिया.
2. दिवालिया कानून
विश्व बैंक ने सरकार के दिवालिया कानून लाने की तारीफ भी की है. बैंक ने कहा है कि भारत सरकार ने दिवालिया कानून में संशोधन कर ना सिर्फ लोन लेने वालों की राह आसान की है. इसके साथ इस कानून के जरिये सरकार ने कॉरपोरेट कर्ज (कर्जदार कारोबारी) के लिए भी पुनगर्ठन प्रक्रिया पेश की है.
3. टैक्स सुधार
विश्व बैंक ने मोदी सरकार की तरफ से टैक्स सुधार के लिए उठाए गए कदमों की भी सराहना की है. बैंक ने पीएफ फंड का भुगतान करने के लिए ऑनलाइन माध्यम शुरू करने के फैसले को सराहा है. इसके साथ ही वैश्विक संस्था ने कर सुधार के लिए सरकार की तरफ से उठाए गए अलग-अलग कदमों की भी तारीफ की है.
4. बैड लोन
बैंकों के ऊपर पड़े गैर निष्पादित संपत्ति (एनपीए) को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों ने भी भारत की रैंकिंग सुधारने में मदद की है. विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल का गठन कर के एनपीए की संख्या 28 फीसदी कम हुई है. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने बड़ी रकम के लोन पर लगने वाले ब्याज दर में भी राहत दी है. इसके जरिये सरकार ने कर्ज की त्वरित वसूली करने के लिए एक व्यवस्था सुनिश्चित की है.