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पाकिस्तान में 4 आतंकवादियों को दी गई फांसी

सेना ने कहा कि ये सभी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के सक्रिय आतंकवादी थे.

साकेंतिक तस्वीर साकेंतिक तस्वीर
BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2017,
  • अपडेटेड 9:10 PM IST

पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा में गुरुवार को प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान से संबंधित चार आतंकवादियों को फाँसी पर लटका दिया गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. यह लगातार दूसरा दिन है, जब समूह से संबंधित आतंकवादियों को फाँसी पर लटकाया गया.

सैदू शरीफ हवाई अड्डे पर हमला के है दोषी
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशस से जारी बयान के मुताबिक, ये आतंकवादी सैदू शरीफ हवाई अड्डे पर हमला करने, निर्दोष नागरिकों की हत्या करने, सशस्त्र बलों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर हमला करने सहित आतंकवाद से जुड़े अपराधों में भागीदारी के लिए दोषी ठहराए गए थे.

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सैन्य अदालतें ने गोपनीय रखा पूरा मुकदमा

जिन दोषियों को मौत की सजा दी गई है उनकी पहचान कैसर खान, मुहम्मद उमर, करी जुबैर मुहम्मद और अजीज खान के रूप में हुई है. सेना ने कहा कि ये सभी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के सक्रिय आतंकवादी थे. अभी यह नहीं पता चला है कि किस जेल में इन्हें फांसी दी गई है. यह भी नहीं बताया गया है कि कब मुकदमा चला और कब उन्हें मौत की सजा दी गई क्योंकि सैन्य अदालतें आतंकवादियों के हमले के ड़र के कारण गोपनीयता से काम करती हैं.

दिसंबर 2014 को पेशावर के सैनिक स्कूल पर हमले के फाँसी पर रोक हटा दी थी

पाकिस्तान की सरकार ने 16 दिसंबर 2014 को पेशावर के एक सैनिक स्कूल पर हुए हमले के बाद आतंकवादी मामलों में फांसी की सजा देने पर से रोक हटा दी है. स्कूल पर हुए इस हमले में 141 लोग मारे गए थे, जिनमें से ज्यादातर स्कूल के बच्चे ही थे. मानवाधिकार समूह जस्टिस प्रोजेक्ट पाकिस्तान का कहना है कि पेशावर हमले के बाद से 441 लोगों को फांसी दी गई है. पाकिस्तान पिछले एक दशक से ज्यादा समय से विभिन्न चरमपंथी समूहों से लड़ रहा है. आतंकवादी हमलों में हजारों लोगों की जान गई है. सैन्य अदालतों ने 160 से ज्यादा आतंकवादियों को मौत की सजा दी है.

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