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...ताकि रूस या अमेरिका के हाथों में ना हो कमान, फ्रांस सरकार बना रही WhatsApp जैसा ऐप

कैम्ब्रिज एनालिटिका स्कैंडल के बाद से पूरी दुनिया में डेटा की सुरक्षा को लेकर बहस जारी है. इसी बीच फ्रांसीसी सरकार की डिजिटल मिनिस्ट्री ने कहा कि वे खुद का मैसेंजर सर्विस तैयार कर रही है, जो पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड होगा. ताकी उच्च अधिकारियों के संवाद को जासूसी से बचाया जा सके.

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों (बाएं), रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (दाएं) फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों (बाएं), रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (दाएं)
साकेत सिंह बघेल
  • नई दिल्ली,
  • 17 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 3:28 PM IST

कैम्ब्रिज एनालिटिका स्कैंडल के बाद से पूरी दुनिया में डेटा की सुरक्षा को लेकर बहस जारी है. इसी बीच फ्रांसीसी सरकार की डिजिटल मिनिस्ट्री ने कहा कि वे खुद का मैसेंजर सर्विस तैयार कर रही है, जो पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड होगा. ताकी उच्च अधिकारियों के संवाद को जासूसी से बचाया जा सके.

मिनिस्ट्री ने कहा कि, दुनिया के प्रमुख एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स- व्हाट्सऐप और टेलीग्राम का उपयोग खुद राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों करते हैं. लेकिन ये फ्रांस बेस्ड नहीं है ऐसे में सर्वर देश के बाहर होने से डेटा लीक होने का खतरा बढ़ जाता है.

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मिनिस्ट्री के एक प्रवक्ता ने बताया कि, इस नए ऐप की टेस्टिंग लगभग 20 अधिकारी और वरिष्ठ सिविल कर्मचारी कर रहे हैं. इसे एक राज्य-नियोजित डेवलपर ने डिजाइन किया है. प्रवक्ता ने बताया कि गर्मी तक सारे सरकारी कर्मचारियों के लिए इस ऐप को अनिवार्य करने का लक्ष्य है.

प्रवक्ता ने आगे कहा कि हम एक ऐसा एनक्रिप्टेड मैसेजिंग सर्विस तैयार करना चाहते हैं जो अमेरिका या रूस के द्वारा एन्क्रिप्ट ना किया गया हो. हमनें फेसबुक का मामला देखा है इसलिए हम आगे की योजना बना रहे हैं.

गौरतलब है कि दुनियभार में इंस्टैंट मैसेज सर्विस के लिए मशहूर व्हाट्सऐप का अधिग्रहण फेसबुक ने 2014 में कर लिया था. अब फेसबुक के पास ही ऐप का मालिकाना हक है. वहीं कैम्ब्रिज एनालिटिका केस के बाद से फेसबुक लगातार निशाने पर है. हाल ही में फेसबुक के मुखिया मार्क जकरबर्ग ने अमेरिकी संसद में सांसदों के तीखे सवालों का जवाब दिया था. 

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