Advertisement

फ्रेंच राष्ट्रपति मैक्रों ने ट्रंप पर ली चुटकी, PM मोदी की तारीफ में पढ़े कसीदे

मैक्रों जिस समय महिला सौर इंजीनियरों के एक समूह ‘सौरमाताओं’ की तारीफ कर रहे थे तो उसी समय उन्होंने पेरिस जलवायु समझौता छोड़ने वाले देशों का भी जिक्र किया.

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मिलते पीएम मोदी. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मिलते पीएम मोदी.
राहुल विश्वकर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 11 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 11:36 PM IST

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने आज बातों ही बातों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की चुटकी ले ली. मैक्रों ने पेरिस जलवायु समझौते से पीछे हटने पर बिना नाम लिए ट्रंप पर जहां तंज कसा, वहीं पीएम नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की. मैक्रों आज यहां अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की स्थापना पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.

मैक्रों जिस समय महिला सौर इंजीनियरों के एक समूह ‘सौरमाताओं’ की तारीफ कर रहे थे तो उसी समय उन्होंने पेरिस जलवायु समझौता छोड़ने वाले देशों का भी जिक्र किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में मैक्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री जी, आपने एक सपना देखा था और हमने इसे कर दिखाया. यह इस अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन के बारे में था. दो साल पहले, यह मात्र एक विचार था और हम सबने इस पर तेजी से काम करने का निर्णय किया और आज यह एक बड़ा परिवर्तन है.

Advertisement

‘सौर माताओं’ के प्रयासों पर खुशी जताते हुए उन्होंने उनकी सराहना की. उन्होंने कहा कि हमारी सौर मांओं ने हमारा इंतजार भी नहीं किया. उन्होंने काम करना शुरू कर दिया और पूरे परिणाम भी दिए. उन्होंने प्रतीक्षा नहीं की और ना ही वे सिर्फ इसलिए रुकीं कि कुछ देशों (अमेरिका एवं अन्य) ने मैदान छोड़ने और पेरिस समझौते से हटने का निर्णय किया है.  क्योंकि, उन्होंने (आईएसए के सदस्य देश) यह तय किया कि यह उनके बच्चों और नाती- पोतों के लिए अच्छा है. उन्होंने इस पर काम करने का और करते रहने का निर्णय किया.

उनका यह इशारा अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के पेरिस जलवायु समझौते से बाहर होने की ओर था. इस समझौते पर दिसंबर 2015 में करीब 200 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं. इसका लक्ष्य पर्यावरण को प्रदूषित करने वाली गैसों के उत्सर्जन में कमी लाना और वैश्विक तापमान में वृद्धि को दो डिग्री सेल्सियस की सीमा में रखना है.

Advertisement

पिछले साल नवंबर में सीरिया ने भी इस पर हस्ताक्षर कर दिए और अब दुनिया में केवल अमेरिका ऐसा देश बचा है जो इस समझौते का हिस्सा नहीं है. खास बात यह है कि फ्रांस आईएसए के स्थापना सम्मेलन का सह- मेजबान देश भी है. आईएसए 121 देशों की सरकारों के बीच हस्ताक्षरित एक संधि आधारित गठबंधन है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement